अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) वनडे क्रिकेट में इस्तेमाल हो रही दो नई गेंदों के नियम में अहम बदलाव करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. यह कदम गेंदबाज़ों को मदद देने और रिवर्स स्विंग की वापसी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया जा सकता है. हालांकि यह नियम पूरी तरह से वापस नहीं लिया जाएगा, लेकिन इसके प्रारूप में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकते हैं.
आईसीसी की क्रिकेट समिति ने सिफारिश की है कि मैच की शुरुआत में दोनों छोर से दो नई गेंदों का प्रयोग तो किया जाए लेकिन 25 ओवर पूरे होने के बाद केवल एक ही गेंद का इस्तेमाल किया जाए. गेंदबाज़ी करने वाली टीम को यह विकल्प दिया जाएगा कि वह दो गेंदों में से किसे आगे उपयोग में लाना चाहती है. इसका उद्देश्य यह है कि एक ही गेंद को ज्यादा ओवर फेंका जाए जिससे उसमें रिवर्स स्विंग होने की संभावना बढ़े.
पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने पहले भी दो नई गेंदों के नियम की आलोचना करते हुए इसे "आपदा का नुस्खा" कहा था. उनका मानना है कि जब गेंद पुरानी नहीं होती, तो रिवर्स स्विंग देखने को नहीं मिलती, जो डेथ ओवरों में गेंदबाज़ों का सबसे बड़ा हथियार होता है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज़ ब्रेट ली ने भी इस बात का समर्थन किया था.
अभी के नियमों के अनुसार, दो नई गेंदों का उपयोग एक साथ किया जाता है, जिससे हर गेंद केवल 25 ओवर तक ही इस्तेमाल होती है और ज्यादा घिसती नहीं है. जबकि पुराने समय में एक गेंद 35-40 ओवर तक चलती थी और रिवर्स स्विंग देखने को मिलती थी.
आईसीसी टेस्ट मैचों में ओवर रेट बढ़ाने के लिए भी नई पहल पर विचार कर रही है. प्रस्ताव है कि हर ओवर के बीच अधिकतम 60 सेकंड का समय तय किया जाए. सफेद गेंद क्रिकेट में पहले से ही इन-गेम क्लॉक का उपयोग हो रहा है और इसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिले हैं. इसका उद्देश्य एक दिन में 90 ओवर पूरे कराना है.