'टूटकर खड़े होने वाले को मोहम्मद शमी कहते हैं'...अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाले Shami से आप काफी कुछ सीख सकते हैं, जानिए कैसे?
मोहम्मद शमी एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर चुनौतियों को मात दी, बल्कि जिंदगी की पिच पर भी उन्होंने खुद को साबित किया.
Mohammed Shami: 'क्रिकेट चुनौतियों से जूझने की सीख देता है, भले ही स्थिति कितनी भी विकट क्यों न हो जाए'. ये बात टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी अक्सर कहते हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर फर्श से लेकर अर्श तक का सफर तय किया. तमाम मुश्किलों को मात देकर शमी आज सफलता के शिखर पर हैं. आज जब उन्हें राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू ने संसद भवन में अर्जुन अवॉर्ड 2023 से सम्मानित किया तो पूरा देश गौरन्वित हो गया. इस खिलाड़ी के संघर्ष का निचोड़ यही निकलता है कि 'टूटकर खड़े होने वाले को मोहम्मद शमी कहते हैं....
' मोहम्मद शमी...ये नाम एक क्रिकेटर से पहले एक ‘तलाकशुदा’ पति, एक पिता और खासकर एक बेटे की कहानी है. आज शमी के पास सबकुछ है, लेकिन उन्हें यह सब बेनामी के लंबे दौर के बाद नसीब हुआ. आइए जानते हैं कि आखिर कैसे उत्तर प्रदेश के अमरोहा का यह देसी छोरा हर भारतीय के दिल में बस गया.
जब सभी ने सोचा था शमी का चैप्टर खत्म हो गया!
शमी एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर चुनौतियों को मात दी, बल्कि जिंदगी की पिच पर भी उन्होंने खुद को साबित किया. एक वक्त ऐसा भी जब उनकी पर्सनल जिंदगी में भूचाल आया. पत्नि हसीन जहां ने उन पर तमाम तरह के संगीन आरोप लगाए. उस वक्त शमी के प्रदर्शन पर गहरा असर पड़ा. वह टीम से ड्रॉप हो गए. सभी को लगा कि अब शमी का चैप्टर खत्म. शायद अब वापसी भी नहीं होगी, लेकिन कहते हैं ना कि हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं...शमी ना सिर्फ उठ खड़े हुए बल्कि दमदार वापसी की और वनडे विश्व कप 2023 में अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों के होश उड़ा डाले....
शमी का सफर क्या सिखाता है?
वनडे विश्व कप 2023 में शमी टीम इंडिया के लीड गेंदबाज के तौर पर शामिल थे. उन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 7 मैचों में 24 शिकार किए. भले ही टीम इंडिया खिताब जीतने से चूक गई, लेकिन शमी ने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया. उन्होंने वो कहावत भी बदल डाली, जिसमें भारत को बल्लेबाजों का देश कहा जाता था. वनडे विश्व कप 2023 में भारत की पेस तिकड़ी, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह की चर्चा दुनियाभर में हुई. इस विश्व कप में कमाल दिखाने वाले शमी ने बड़े अदब के साथ अर्जुन अवॉर्ड लिया. उनके चेहरे की खुशी बता रही थी कि यह अवॉर्ड यूं ही नहीं मिलता और मोहम्मद शमी कोई यूं ही नहीं बन जाता. शमी का सफर हमें गिरने के बाद उठना और हर छोटी हार के बाद बड़ी जीत की तरफ बढ़ना सिखाता है.