भारत के डी गुकेश ने चैस वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया है. 18 साल के गुकेश में काले मोहरों के साथ 14वें गेम में जीत हासिल कर खिताब अपने नाम किया. उन्होंने चीन के डिंग लिरेन को हराया. इसी के साथ वो विश्वनाथन आनंद के बाद शतरंज विश्व खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं.
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सिंगापुर में चल रही विश्व शतरंज चैंपियनशिप मैच के निर्णायक मैच में ये कभी न भूलने वाली जीत दर्ज की. गुकेश और डिंगल गुरुवार को मैच के फाइनल गेम में 6.5 प्वाइंट्स के साथ बराबरी पर थे. 14वें गेम में जो कि निर्णायक था, चीन के डिंग सफेद मोहरों के साथ खेल रहे थे.
HISTORICAL MOMENT FOR INDIAN CHESS 🇮🇳
— The Khel India (@TheKhelIndia) December 12, 2024
Gukesh D Is World Chess Champion 👑🥹
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डिंग की एक गलती से जीते गुकेश
दोनों के बीच खेला जा रहा फाइनल गेम एक बार ड्रॉ की तरफ बढ़ रहा है. लेकिन मैच की 53वीं चाल में डिंग ने गलती कर दी, जिसका फायदा भारत के डी गुकेश ने बखूबी उठाया. गुकेश का खेलते रहने का फैसला उनके पक्ष में गया. उन्होंने लगातार डिंग पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई जिसका उन्हें फायदा हुआ.
गैरी कास्परोव का रिकॉर्ड तोड़ा
गुकेश जीत के साथ ही 18वें वर्ल्ड चैंपियन बने. चीन के डिंग मैच को टाईब्रेकर तक ले जाना चाह रहे थे, लेकिन अंत में गुकेश ने जीत के लिए तरकीब निका ली. गुकेश ने रूस के दिग्गज गैरी कास्परोव का रिकॉर्ड तोड़ा. कास्परोव साल 1985 में 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने थे.
'मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन'
गुकेश ने ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन है. गुकेश ने मुकाबला 7.5-6.5 के स्कोरलाइन के साथ जीता. गुकेश अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए. जब उन्हें पता चला कि डिंग ने गलती की है तो उन्होंने पानी पीने के लिए ब्रेक लिया. जब वो बोर्ड पर वापस लौटे तो उनके चेहरे पर मु्स्कान थी. लेकिन खुशी में जल्द ही उनके आंसू छलक आए. विश्वनाथन आनंद समेत अनेक दिग्गजों ने अंतिम गेम शुरू होने पर ड्रॉ की भविष्यवाणी की थी. हालांकि, गुकेश ने खेलना जारी रखा और डिंग को गलती करने पर मजबूर कर दिया.