IND vs SA Final: बारबाडोस के मैदान में भारत ने टी20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में इतिहास रचते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की है. टी20 विश्व कप में भारत की यह दूसरी ट्रॉफी है. इससे पहले भारत ने साल 2007 में टी20 विश्व कप जीता था. टी20 विश्व कप के इस महामुकाबले में 3 ऐसे लम्हे रहें जिन्होंने भारतीय फैंस की जान हलक में लाने का काम किया और फिर वही मैच का टर्निंग प्वाइंट बने.
विश्व कप के इस महामुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 177 रनों का लक्ष्य दिया था. अफ्रीकी टीम चोकर्स का दाग मिटाने के उद्देश्य से लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी. लेकिन वह ऐसा करने में कामयाब नहीं रही.
मैच का सबसे खतरनाक लम्हा हेनरिक क्लासेन के छक्के चौके थे. भारत की ओर से अक्षर पटेल 15वां ओवर लेकर आए थे. इस ओवर में हेनरिक क्लासेन ने 24 रन काट डाले थे. इस ओवर ने भारतीय फैंस की धड़कनें तेज कर दी थी. 17वें ओवर में हार्दिक पांड्या की गेंद ने क्लासेन को आउट करके भारतीय फैंस के जान में जान लई. क्लासेन का विकेट गिरना मैच का एक टर्निंग प्वाइंट रहा.
भारतीय फैंस की धड़कन बढ़ाने वाले दूसरे खिलाड़ी क्विंटन डिकॉक रहें. दो विकेट गिरने के बाद उन्होंने ट्रिस्टन स्टब्स और इसके बाद हेनरिक क्लासेन के साथ एक तगड़ी साझेदारी की. उन्होंने अपनी पारी से भारतीय फैंस की धड़कनें बढ़ा दी थी. उन्हें 13वें ओवर में अर्शदीप ने कुलदीप यादव के हाथों कैच करवाकर पवेलियन भेज दिया.
एक ओर से साउथ अफ्रीका के विकेट गिर रहे थे लेकिन डेविड मिलर पिलर की तरह खड़े थे. आखिरी ओवर में जीत के लिए 16 रनों की दरकार थी. हार्दिक पांड्या 20वां ओवर लेकर आए थे. पहली ही गेंद पर डेविड मिलर ने छक्का जड़ने की कोशिश की लेकिन बाउंड्री पर खड़े सूर्यकुमार यादव ने शानदार कैच लेकर पूरा गेम ही बदल दिया. यह मैच का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट था.