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'36 साल की उम्र में मुझे...', विराट कोहली ने फिटनेस को लेकर किया खुलासा

कोहली ने प्लेयर ऑफ द मैच का आवार्ड लेने के बाद कहा, एक सप्ताह की छुट्टी, क्या यह अच्छी बात है या नहीं? ईमानदारी से कहूं तो 36 साल की उम्र में यह बहुत अच्छी बात है. मैं 23-24 साल के खिलाड़ियों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मेरे लिए यह वाकई बहुत अच्छी बात है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
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Courtesy: Social Media

विराट कोहली ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए नाबाद 100 रन बनाए और भारत को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में 45 गेंद शेष रहते छह विकेट से जीत दर्ज करने में मदद की. मैच के बाद कोहली ने खुलकर स्वीकार किया कि अब उन्हें फिटनेस बनाए रखने और दिन-रात कड़ी मेहनत करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है.

36 वर्षीय विराट ने कहा कि अब 1 हफ्ते के गैप का इंतजार कर रहे हैं.  रोहित शर्मा और उनकी टीम अब रविवार, 2 मार्च को न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना आखिरी ग्रुप-स्टेज मैच खेलेगी. दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने कहा कि वह टीम को मिले इस अवकाश का पूरा फायदा उठाएंगे.

विराट ने 111 गेंदों पर सात चौकों की मदद से 100 रन बनाए. कोहली हमेशा की तरह चैंपियन की तरह दिखे क्योंकि उन्होंने बेहतरीन कवर ड्राइव लगाए. विकेटों के बीच दौड़ बेहतरीन थी और कोहली ने सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान मुकाबले में वापसी न कर सके.

'36 साल की उम्र में यह बहुत अच्छी बात'

कोहली ने प्लेयर ऑफ द मैच का आवार्ड लेने के बाद कहा, एक सप्ताह की छुट्टी, क्या यह अच्छी बात है या नहीं? ईमानदारी से कहूं तो 36 साल की उम्र में यह बहुत अच्छी बात है. मैं 23-24 साल के खिलाड़ियों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मेरे लिए यह वाकई बहुत अच्छी बात है. मुझे बस दो दिन आराम करने की जरूरत है, क्योंकि मैदान पर इस तरह का प्रयास करते रहना अब मेरे लिए बहुत मुश्किल हो गया है और मैं शुक्रगुजार हूं कि अब हमारे पास थोड़ा आराम है.

स्पिनर के खिलाफ संभल के खेले

पाकिस्तान के खिलाफ़ मैच में कोहली रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. बाएं हाथ की स्पिन उनके लिए मुश्किल साबित हुई और पिछले छह मैचों में कोहली ने वनडे में धीमे गेंदबाज़ों के सामने अपना विकेट गंवाया. हालांकि, कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर बल्लेबाजी की. उन्होंने समय लिया और बीच-बीच में खराब गेंदों पर प्रहार किया. 

उन्होंने कहा, "मेरा काम स्पष्ट था कि मैं बीच के ओवरों पर नियंत्रण रखूं, तेज गेंदबाजों पर हावी होने की कोशिश करूं और स्पिनरों के खिलाफ ज्यादा जोखिम न उठाऊं, लेकिन स्ट्राइक रोटेट करता रहूं. एक बार जब हमने अच्छी साझेदारी बना ली, तो अंत में श्रेयस ने तेजी पकड़ी और मैंने भी कुछ बाउंड्री लगाईं.