India vs England: भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट में कई भारतीय बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के बाद रणजी ट्रॉफी का महत्व और बढ़ गया है. गावस्कर ने खासकर दूसरे टेस्ट में विशाखापत्तनम में बल्लेबाजों के फ्लॉप होने की ओर इशारा किया.
74 वर्षीय गावस्कर ने कहा कि खिलाड़ियों को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की तैयारी के लिए कुछ प्रथम श्रेणी के मैच खेलने चाहिए थे. उनकी यह टिप्पणी इसलिए आई है क्योंकि यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल के अलावा अन्य बल्लेबाज बड़े स्कोर नहीं बना पाए.
गावस्कर ने अपने हालिया मिड-डे कॉलम में लिखा, "बल्लेबाजों का बड़ा स्कोर न बना पाना इस बात को भी दिखाता है कि टेस्ट मैच सीरीज से पहले बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए कुछ प्रथम श्रेणी (रणजी) के खेल खेलना और लंबे प्रारूप के खेल के लिए खुद को सही मानसिक स्थिति में लाना कितना महत्वपूर्ण है."
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने गावस्कर ने आगे कहा, "रणजी ट्रॉफी शुरू हो चुकी थी, और बल्लेबाजों के लिए कुछ मैच खेलकर टेस्ट सीरीज के लिए लय में आने का यह सही समय होता."
भारत के कप्तान रोहित शर्मा और श्रेयस अय्यर अब तक इंग्लैंड के खिलाफ चार पारियों में अर्धशतक भी नहीं बना पाए हैं. हालांकि, अय्यर ने टेस्ट सीरीज से पहले मुंबई के लिए एक प्रथम श्रेणी का मैच खेला था.
गावस्कर ने आगे युवा यशस्वी जायसवाल की डबल सेंचुरी की भी तारीफ की, जिसकी बदौलत भारत ने दूसरा टेस्ट 106 रन से जीता और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर कर ली.
इंग्लैंड के उप-कप्तान ओली पोप ने इससे पहले हैदराबाद में पहले टेस्ट में 196 रन बनाकर भारत के खिलाफ मैच जिताऊ पारी खेली थी, जिसमें मेहमान टीम 28 रन से जीती थी.
गावस्कर ने उपरोक्त कॉलम में ही लिखा, "टेस्ट क्रिकेट पांच दिन का प्रारूप है, और जबकि अधिकांश टेस्ट मैच उस समय से पहले ही समाप्त हो जाते हैं और अक्सर एक या दो दिन शेष रह जाते हैं, जैसा कि ओली पोप और अब युवा जायसवाल की ना भूलने लायक पारियों से देखा गया. ये मैच को परिभाषित करने और खेल को बदलने वाली पारियां हैं."
भारत और इंग्लैंड अब 15 फरवरी से राजकोट में तीसरे टेस्ट में भिड़ेंगे.