IND vs ENG: वीजा नहीं मिलने पर इंग्लैंड वापस लौटा ये खिलाड़ी, बेन स्टोक्स हुए परेशान, रोहित बोले मुझे भी दुख है
IND vs ENG, Shoaib Bashir Visa Issue: शोएब बशीर युवा ऑफ स्पिनर हैं. इस सीरीज में इंग्लैंड टीम उनका डेब्यू कराने वाली थी, लेकिन वीजा नहीं मिलने से वह वापस इंग्लैंड लौट गए हैं.
IND vs ENG, Shoaib Bashir Visa Issue: भारत-इंग्लैंड के बीच 25 जनवरी से टेस्ट सीरीज का आगाज होने जा रहा है. पहला मुकाबला हैदराबाद के उप्पल में होना है. इससे पहले इंग्लैंड को बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान मूल के शोएब बशीर इंग्लिश टीम के साथ भारत नहीं पहुंच सके हैं. वीजा नहीं मिलने के चलते उन्हें यूएई से वापस इंग्लैंड लौटना पड़ा. लिहाजा पहले टेस्ट से वह पूरी तरह बाहर हो गए हैं. इधर बशीर को वीजा नहीं मिलने के बाद मुद्दा गरमा गया है. इसे लेकर टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने अफसोस भी जताया है.
वापस इंग्लैंड लौटे गए शोएब बशीर
दरअसल, इंग्लैंड की टीम भारतीय दौरे से पहले यूएई के अबू धाबी में अभ्यास कर रही थी, जिसके बाद 23 जनवरी को इंग्लैंड की टीम भारत पहुंची, लेकिन इस यात्रा में बशीर शामिल नहीं हो पाए. पहले यह उम्मीद जताई जा रही था कि वह मंगलवार तक टीम के साथ जुड़ जाएंगे, लेकिन अब वह स्वदेश यानी इंग्लैंड लौट गए हैं.
शोएब बशीर को वीजा नहीं मिलने पर क्या बोले रोहित-स्टोक्स?
शोएब बशीर को वीजा नहीं मिलने से इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स निराश हैं. इस मुद्दे पर विवाद छिड़ गया है. स्टोक्स ने कहा नाराजगी जाहिर करते हुए कहा 'हमने काफी समय पहले स्क्वॉड का ऐलान कर दिया था बावजूद इस तरह की दिक्कतें होना ठीक नहीं है, वहीं रोहित शर्मा का कहना है कि 'शोएब बशीर के लिए दुःख है, दुर्भाग्य से मैं तो आपको जानकारी देने के लिए वीजा ऑफिस में नहीं बैठ सकता, लेकिन उम्मीद कर सकता हूं कि उन्हें जल्द वीजा मिल जाए और वह हमारे देश में आकर एन्जॉय कर सके.'
कौन हैं शोएब बशीर
पाकिस्तान मूल के शोएब बशीर की उम्र अभी 20 साल है. उन्हें घरेलू क्रिकेट में ज्यादा अनुभव नहीं हैं, लेकिन इस फुल टाइम ऑफ स्पिनर ने हाल के दिनों में कमाल का प्रदर्शन किया है. उन्होंने फर्स्ट क्लास, लिस्ट ए और टी20 में कुल 18 मैच खेले हैं, जिनमें कुल मिलाकर 17 शिकार किए हैं. वह इंग्लिश काउंटी में समरसेट के लिए खेलते हैं. भारतीय पिचों पर स्पिनर कारगर साबित हो सकता है, इसलिए इंग्लैंड उन्हें अपने साथ लेकर आने वाली थी.