ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट की दुनिया की सबसे बड़ी टीमों में से एक मानी जाती है, और खासकर अपने घर में उसे हराना किसी भी विदेशी टीम के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण काम होता है. लेकिन हाल ही में, टीम इंडिया ने पर्थ में खेले गए पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से करारी शिकस्त दी. यह जीत न सिर्फ ऐतिहासिक थी, बल्कि भारत को सीरीज में 1-0 की बढ़त दिलाने वाली भी साबित हुई. लेकिन अब, दूसरे टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है.
ऑस्ट्रेलिया के स्टार तेज गेंदबाज जॉश हेजलवुड अब दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे. हेजलवुड चोट के कारण सीरीज के अगले मैच से बाहर हो गए हैं, और यह ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बड़ा झटका है. उनकी चोट ने न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी लाइन-अप को कमजोर किया है, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी यह स्थिति कुछ परेशान करने वाली हो सकती है.
जॉश हेजलवुड की अनुपस्थिति ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए तो मुश्किल भरी होगी ही, साथ ही भारतीय टीम के लिए भी यह एक नई चुनौती पेश कर रही है. हेजलवुड, जो टेस्ट क्रिकेट के एक बेहतरीन तेज गेंदबाज माने जाते हैं, पर्थ जैसी पिच पर अपनी स्विंग और तेज गेंदबाजी से मैच पलटने की क्षमता रखते हैं. उनकी अनुपस्थिति में, ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी लाइन-अप कमजोर हो सकती है, लेकिन भारतीय टीम को यह सोचकर सतर्क रहना चाहिए. हेजलवुड की कमी तो ऑस्ट्रेलिया को खलनी लाजमी है. ऐसे में उनकी जगह दाएं हाथ के ही पेसर स्कॉट बोलैंड को मिलनी लगभग तय है और यही टीम इंडिया के लिए चिंता की बात है. इस गेंदबाज के रिकॉर्ड पिंक बॉल टेस्ट में शानदार हैं. उन्होंने पिंक बॉल वाले सिर्फ 2 टेस्ट खेले हैं और इसमें 7 विकेट हासिल किए हैं. सबसे खास बात उनका औसत और इकॉनमी रेट है.
भारतीय बल्लेबाजों के लिए, हेजलवुड के खिलाफ खेलना आसान था, लेकिन अब इस सीरीज के अगले टेस्ट में उन्हें स्टार्क और कमिंस जैसे गेंदबाजों का सामना करना होगा. ये दोनों खिलाड़ी अनुभव और क्षमता से भरपूर हैं, और भारतीय टीम के बल्लेबाजों के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं.
पर्थ की जीत ने टीम इंडिया को आत्मविश्वास से भर दिया है, लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि क्रिकेट एक अप्रत्याशित खेल है. ऑस्ट्रेलिया की टीम एक ऐसी टीम है जो किसी भी समय वापसी करने की क्षमता रखती है. इसलिए, टीम इंडिया को अगले टेस्ट के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूत करने की जरूरत है.
हेजलवुड की अनुपस्थिति ऑस्ट्रेलिया को जरूर कमजोर करेगी, लेकिन यह भारतीय टीम के लिए भी कोई गारंटी नहीं है कि यह मुकाबला आसान होगा. भारत को अपने गेंदबाजों, विशेषकर जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी, से अच्छी गेंदबाजी की उम्मीद है, और बल्लेबाजों से भी उम्मीद की जाएगी कि वे अपनी लय बनाए रखें.