' होश में नहीं था...', पेरिस ओलंपिक फाइनल के दिन नीरज से कहां हुई गलती?

नीरज चोपड़ा ने स्वीकार किया कि अरशद के दूसरे प्रयास में उनके द्वारा फेंके गए बड़े थ्रो ने उन पर दबाव डाला. हरियाणा में मिशन ओलंपिक 2036 कार्यक्रम में नीरज ने कहा, पहला थ्रो एथलीट के माइंडसेट को बहुत प्रभावित करता है.

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नीरज चोपड़ा ने लगातार दो ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीता. पेरिस ओलंपिक में नीरज गोल्ड मेडल से चूक गए और सिल्वर से संतोश करना पड़ा.फाइनल मुकाबले में उनके और पाकिस्तान के नदीम अरशद के बीच टक्कर देखने को मिला. अरशद ने 92.97 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता. इस दूरी की नीरज पार नहीं कर पाए और 89.45 मीटर की दूरी के साथ सिल्वर अपने नाम किया. 

हाल ही में एक बातचीत में नीरज ने स्वीकार किया कि अरशद के दूसरे प्रयास में उनके द्वारा फेंके गए बड़े थ्रो ने उन पर दबाव डाला. हरियाणा में मिशन ओलंपिक 2036 कार्यक्रम में नीरज ने कहा, पहला थ्रो एथलीट के माइंडसेट को बहुत प्रभावित करता है. मेरा पहला थ्रो वास्तव में अच्छा था, लेकिन मैंने एक फाउल किया. मुझे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि ट्रैक नया था. मैंने फाउल से बचने की कोशिश की, लेकिन मैं असफल रहा.

'उस दिन शायद मेरा होश नहीं था'

नीरज ने कहा कि उसके बाद नदीम ने अच्छी थ्रो लगाई फिर मेरी दूसरी थ्रो भी अच्छी निकली. उसके बाद क्या हुआ कि कई बार हम बोलते हैं ना के जोश के साथ होश भी रखना चाहिए. तोह उस दिन शायद मेरा होश नहीं था. उस दिन में जोश में बहुत ज़्यादा गुस्सा था के मुझे करना है. लेकिन कहीं न कहीं जो तकनीकी चीज़ है वो छूट गई. उसमें कहीं न कहीं मैं तकनीकी पहलू से चूक गया. 

पाकिस्तान के नदीम का 92.97 मीटर का थ्रो

नीरज पेरिस ओलंपिक में अपना स्वर्ण पदक बचाने में विफल रहे, लेकिन वह लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक-एंड-फील्ड एथलीट बन गए. उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. नदीम ने अपने दूसरे प्रयास में 92.97 मीटर की अद्भुत थ्रो फेंकी, जिससे चोपड़ा सहित बाकी प्रतियोगियों के लिए चुनौती और भी बढ़ गई. दूसरे राउंड में 89.45 मीटर की थ्रो फेंककर रजत पदक जीता.