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'मैं अपंग पैदा हुआ था, फिर चमत्कार हुआ...', रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर का चौंकाने वाला खुलासा

शोएब अख्तर के नाम अभी भी क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है. उन्होंने केपटाउन में पाकिस्तान के 2003 क्रिकेट विश्व कप मैच के दौरान 161.3 किमी/घंटा (100.2 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से गेंद फेंकी थी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Shoaib Akhtar
Courtesy: Social Media

दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर जब बॉल डालने के लिए रनअप लेते थे. तब वो हवा से बातें करते हैं. उनका रनअप लंबा था. लेकिन अख्तर करीब 9 साल तक दौड़ नहीं पाते थे. पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने अपने बचपन के बारे में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि वह जन्म से ही अपंग थे और 9 साल की उम्र तक चलने में असमर्थ थे. हालांकि, अख्तर ने कहा कि अगले साल उनमें बहुत बड़ा बदलाव आया क्योंकि वह न केवल आराम से चल सकते थे बल्कि दौड़ना भी शुरू कर दिया था. 

शोएब अख्तर के नाम अभी भी क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है. उन्होंने केपटाउन में पाकिस्तान के 2003 क्रिकेट विश्व कप मैच के दौरान 161.3 किमी/घंटा (100.2 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से गेंद फेंकी थी. अपने बचपन को याद करते हुए अख्तर ने यह भी बताया कि उनके जन्म और उज्ज्वल भविष्य की भविष्यवाणी एक संत ने पहले ही कर दी थी, जिसने उनकी मां को इसके बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि इस वजह से उनकी मां चिंतित हो गई थीं.

अख्तर ने नेटफ्लिक्स सीरीज - द ग्रेटेस्ट राइवलरी: इंडिया वर्सेस पाकिस्तान में कहा, एक संत हमारे घर आते थे. उन्होंने कहा, 'एक आदमी आएगा, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्धि और मान्यता प्राप्त करेगा. और मेरी मां चिंतित थीं. उन्होंने पूछा, 'वह आदमी कौन होगा? कौन होगा? उन्होंने कहा, "उसने मुझे बताया कि जब मैं पैदा हुआ तो मैं अपंग था. मैं चल नहीं सकता था. लेकिन आप जानते हैं कि 9 साल की उम्र में एक चमत्कार हुआ और मैंने दौड़ना शुरू कर दिया. मैं बिजली की तरह तेज दौड़ने लगा."

शोएब अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट, 163 वनडे और 15 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. अभी तक वे दुनिया के सबसे तेज गेंद फेंकने वाले गेंदबाज हैं.