2025 में अमेरिका और कनाडा में हिंदू-सिख लाएंगे क्रांति, आंदोलन ने पकड़ी भयानक रफ्तार, नए साल से पहले ही आ गया बड़ा अपडेट

Hindu-Sikh unity movement: 2025 तक, यह आंदोलन कनाडा और अमेरिका में हिंदू-सिख एकता को एक नई दिशा देने में सफल हो सकता है. यदि यह योजना सफल होती है, तो यह न केवल इन दोनों समुदायों के बीच समझ बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि एक मजबूत और शांतिपूर्ण समाज की नींव भी रखेगा.

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Hindu-Sikh unity movement: कनाडा और अमेरिका में हिंदू-सिख एकता के आंदोलन को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल शुरू हुई है. ब्रिटिश कोलंबिया में दिसंबर 2023 में एक हिंदू-सिख एकता समूह का गठन हुआ, जिसका उद्देश्य इन दो समुदायों के बीच एकजुटता और सहयोग को बढ़ावा देना है. इस आंदोलन को आने वाले समय में कनाडा और अमेरिका के अन्य हिस्सों में भी फैलाने का लक्ष्य रखा गया है, और इसकी शुरुआत 2025 तक होने की योजना है.

हिंदू और सिख समुदायों के बीच एकता को लेकर विभिन्न प्रकार के विवादों और तनावों का सामना करना पड़ा है, खासकर पिछले कुछ वर्षों में. हालांकि, इन दोनों समुदायों का इतिहास एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंधों से भरा हुआ है, लेकिन हाल के समय में कुछ विवादों ने इन संबंधों को चुनौती दी है. इस पहल का उद्देश्य इन समुदायों के बीच सामूहिक समझ और शांति स्थापित करना है, ताकि कोई भी बाहरी ताकत इन समुदायों को विभाजित न कर सके.

यहां से हुई आंदोलन की शुरुआत

हिंदू-सिख एकता आंदोलन की शुरुआत 21 दिसंबर 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के ऐतिहासिक रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा में हुई. यह गुरुद्वारा खालसा दीवान सोसाइटी द्वारा संचालित है. यहां एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें कनाडा और अमेरिका में हिंदू-सिख एकता को बढ़ावा देने के लिए 'यूनाइटेड सिख्स एंड हिंदूज एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका' (United Sikhs and Hindus Association of North America) का गठन किया गया. इस एसोसिएशन का उद्देश्य इन दोनों समुदायों के बीच एकता को प्रोत्साहित करना और उन्हें एकजुट करना है.

इस संगठन ने अपनी शुरुआत ब्रिटिश कोलंबिया से की, लेकिन इसके नेताओं का कहना है कि इस आंदोलन का विस्तार पूरे कनाडा और अमेरिका में किया जाएगा. एसोसिएशन के रिकॉर्डिंग सचिव, जोगिंदर सुन्नर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें पूरे कनाडा और अमेरिका से इस पहल के लिए बहुत समर्थन मिल रहा है. कई लोग एसोसिएशन से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं और शाखाएं खोलने का प्रस्ताव भी आया है.

सुन्नर ने कहा, "हमें बहुत से फोन कॉल्स आए हैं, लोग चाहते हैं कि हम कनाडा के अन्य हिस्सों में और अमेरिका में भी शाखाएं खोलें. हम इस योजना को 2025 तक पूरा करना चाहते हैं."

आंदोलन के खिलाफ विरोध और चुनौतियां

हालांकि इस पहल को बहुत समर्थन मिला है, लेकिन कुछ विरोध भी सामने आए हैं. एसोसिएशन के खिलाफ कुछ लोग इसे "anti-Khalistan" (खालिस्तानी विरोधी) आंदोलन कहकर आलोचना कर रहे हैं. बावजूद इसके, संगठन के सदस्य इन चुनौतियों को नजरअंदाज करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का संकल्प लिए हुए हैं.

पूर्व खालसा दीवान सोसाइटी के अध्यक्ष कश्मीर सिंह ढालीवाल ने कहा, "हम शांति चाहते हैं. हम किसी भी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करेंगे, चाहे वह खालिस्तानी समूहों द्वारा हो या भविष्य में हिंदुओं द्वारा उत्पन्न समस्याओं के रूप में हो."

एसोसिएशन की योजना है कि वह कनाडा के अन्य प्रमुख शहरों जैसे एडमंटन, कैलगरी, और ग्रेटर टोरंटो एरिया में अपनी शाखाएं खोले, साथ ही अमेरिका के कैलिफोर्निया में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराए. यह आंदोलन खासतौर पर उन क्षेत्रों में अहम होगा, जहां हिंदू और सिख समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बनी रही है.

आंदोलन के लिए संविधान का निर्माण

एसोसिएशन ने एक संविधान तैयार करने का कार्य शुरू किया है, जिसमें इसके उद्देश्यों, नियमों और प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन किया जाएगा. इस संविधान का उद्देश्य संगठन की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करना और सभी सदस्यों को एक समान दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करना है.