अरे कोच है वो...जब पुलिस ने भारत के सबसे अनुभवी सदस्य को टीम होटल में जाने से रोका-Video
सोमवार को पुलिस कर्मियों ने नागपुर में टीम के सदस्य को होटल में प्रवेश करने से रोक दिया. वायरल हुए एक वीडियो में नागपुर के रेडिसन ब्लू होटल के सामने दो पुलिसकर्मी राघवेंद्र को पहचान नहीं पाए, जिन्हें 'रघु' के नाम से जाना जाता है. वे रघु को होटल में घुसने से रोकते दिखे.
टीम इंडिया के सबसे अनुभवी सहयोगी स्टाफ सदस्य राघवेंद्र द्विवेदी जिन्हें 2011 में सचिन तेंदुलकर ने चुना था और जो धीरे-धीरे टीम के सबसे लोकप्रिय सदस्यों में से एक बन गए. सोमवार को पुलिस कर्मियों ने नागपुर में टीम होटल में प्रवेश करने से रोक दिया. वायरल हुए एक वीडियो में नागपुर के रेडिसन ब्लू होटल के सामने दो पुलिसकर्मी राघवेंद्र को पहचान नहीं पाए, जिन्हें 'रघु' के नाम से जाना जाता है. वे रघु को होटल में घुसने से रोकते दिखे.
ये देखकर वहां मौजूद वीडियो पत्रकार चिल्लाने लगे, अरे कोच है कौन. टीम के साथ है. बस से उतरा है. रघु, जो हमेशा मुस्कुराते रहने के लिए जाने जाते हैं, ने स्थिति को बहुत अच्छे से संभाला. कुछ समय बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति दे दी गई. रघु भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य सदस्य हैं. वे एक थ्रोडाउन एकस्पर्ट हैं.
भारतीय टीम के सहयोगी स्टाफ के एक प्रमुख सदस्य रघु बल्लेबाजों को सटीक थ्रोडाउन देते हैं. इससे भारतीय बल्लेबजों को काफी फायदा हुआ है. रघु का करियर मामूली रूप से शुरू हुआ. एक समय खुद क्रिकेटर रहे कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने अपने सपने को पूरा नहीं किया क्योंकि उनके हाथ में फ्रैक्चर के कारण उनका पेशेवर खेल करियर छोटा हो गया. हालांकि, खेल के प्रति उनके प्यार ने उन्हें एक अलग रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित किया. रघु की अविश्वसनीय कार्य नीति और थ्रोडाउन में 150 से अधिक की गति से गेंद फेंकने की क्षमता ने उन्हें कर्नाटक राज्य टीम में शामिल कर दिया. वह जल्द ही एनसीए में आने वाले खिलाड़ियों के पसंदीदा बन गए और तेंदुलकर की सिफारिश पर, वह भारत के सहायक कर्मचारियों का नियमित हिस्सा बन गए.
रघु को अन्य थ्रोडाउन विशेषज्ञों से अलग करने वाली बात यह है कि वह अपनी गेंदों में विविधता लाने में माहिर हैं. चाहे वह शॉर्ट बॉल हो या यॉर्कर, वह अपने थ्रोडाउन को प्रत्येक बल्लेबाज की विशिष्ट ज़रूरतों के हिसाब से ढालते हैं, जिससे उन्हें अपने शॉट चयन और मानसिक तत्परता को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. एमएस धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे भारत के शीर्ष क्रम के खिलाड़ियों को दुनिया के कुछ बेहतरीन गेंदबाजों का सामना करने के लिए तैयार करने में उनका काम महत्वपूर्ण रहा है.