'इंसान हूं, भगवान नहीं' श्रीसंत को थप्पड़ लगाने का हरभजन सिंह को है पछतावा, 17 साल बाद मांगी माफी
Harbhajan Singh: 17 साल पहले हुए एक विवादित घटना, जिसे क्रिकेट जगत में 'स्लैपगेट' के नाम से जाना जाता है. अब हरभजन सिंह ने आखिरकार सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है. उनका कहना है कि वे भी इंसान हैं और उनसे गलती हो सकती है.
Harbhajan Singh: 17 साल पहले हुए एक विवादित घटना, जिसे क्रिकेट जगत में 'स्लैपगेट' के नाम से जाना जाता है. अब हरभजन सिंह ने आखिरकार सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है. यह घटना उस समय हुई थी जब हरभजन ने श्रीसंत को थप्पड़ मारा था. इस घटना को लेकर कई सालों से चर्चा होती रही है और अब 17 साल बाद हरभजन सिंह ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए श्रीसंत से माफी मांगी है.
हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से हरभजन ने अपने इस कृत्य पर पछतावा जाहिर किया. उन्होंने अपने X अकाउंट पर उस घटना का वीडियो देखने के बाद प्रतिक्रिया दी और कहा, “यह सही नहीं था भाई, यह मेरी गलती थी, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था.” इसके बाद उन्होंने यह भी कहा, "ग़लती हुई इंसान हूँ, भगवान नहीं." इसके साथ ही उन्होंने श्रीसंत से माफी मांगते हुए अपनी गलती स्वीकार की और उनसे क्षमा की अपील की.
2008 में घटी थी यह घटना
2008 के आईपीएल के पहले सीज़न में मुंबई इंडियन्स और किंग्स XI पंजाब के बीच एक मैच के दौरान यह घटना घटी थी. उस समय हरभजन सिंह मुंबई इंडियन्स के कप्तान थे, जबकि श्रीसंत किंग्स XI पंजाब के खिलाड़ी थे. मैच के बाद एक विवादित झड़प में हरभजन ने श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया था. इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया और क्रिकेट जगत में इस घटना को लेकर कई चर्चाएँ हुईं.
इस घटना के बाद हरभजन सिंह को आईपीएल से कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया गया था, लेकिन श्रीसंत की भावनाओं पर इस घटना का गहरा असर पड़ा था. श्रीसंत को उस समय रोते हुए देखा गया था, और साथी खिलाड़ी कुमार संगकारा ने उन्हें सांत्वना दी थी.
श्रीसंत की प्रतिक्रिया और रिश्ते का सुधार
श्रीसंत ने कई बार कहा है कि वह हरभजन सिंह से अपनी पूर्व स्थिति को लेकर आदर करते हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उस दिन उनके आंसू दरअसल इस बात को लेकर थे कि उन्होंने एक ऐसे खिलाड़ी को निराश किया था, जिसे वह अपना बड़ा भाई मानते थे. श्रीसंत ने अपनी भूमिका को भी स्वीकार करते हुए कहा कि हरभजन ने उन्हें यह सलाह दी थी कि वह अपनी आक्रामकता पर ध्यान दें, जो उस समय एक प्रमुख विवाद का कारण बनी.