India vs England, 4th T20I: भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टी20 मैच में एक ऐसा मोड़ आया जिसने इंग्लैंड की जीत की उम्मीदों को तोड़कर रख दिया. भारतीय टीम के रणनीतिकार गौतम गंभीर की चतुराई और सूझबूझ ने मेहमान टीम के हौसले पस्त कर दिए. आखिर क्या थी वह चाल जिसने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई? आइए विस्तार से जानते हैं.
महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, पुणे में खेले गए मुकाबले में भारत के हरफनमौला खिलाड़ी शिवम दुबे को बल्लेबाजी के दौरान हेलमेट पर गेंद लगी, जिससे वह फील्डिंग के लिए नहीं आ सके. शुरू में ऐसा लगा कि उनकी जगह रामनदीप सिंह को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में भेजा गया है, लेकिन बाद में हर्षित राणा को उनके स्थान पर खेलने का मौका दिया गया. हर्षित राणा ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और शानदार गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड के मध्यक्रम को तहस-नहस कर दिया. उन्होंने लियाम लिविंगस्टोन, जैकब बेथेल और जैमी ओवरटन जैसे अहम खिलाड़ियों को पवेलियन भेजकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
हरशित राणा को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में शामिल करने के फैसले पर इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर और पूर्व इंग्लिश कप्तान केविन पीटरसन ने सवाल उठाए. केविन पीटरसन ने कमेंट्री के दौरान कहा कि बटलर इस फैसले से खुश नहीं थे और आउट होने के बाद उन्होंने कोच से इस बारे में चर्चा भी की. बटलर को यह फैसला "लाइक फॉर लाइक" नहीं लगा, लेकिन मैच अधिकारियों ने इसे मंजूरी दी और अंत में भारत को इसका जबरदस्त फायदा मिला.
गौतम गंभीर भारतीय टीम के मेंटर के रूप में इस सीरीज में अहम भूमिका निभा रहे हैं. उनके रणनीतिक दांव-पेच और सूझबूझ ने इंग्लैंड को पूरी तरह चौंका दिया. हर्षित राणा को लाने का फैसला भारत के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ, क्योंकि उनकी तेज गेंदबाजी ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान कर दिया. गंभीर का यही अंदाज उन्हें एक बेहतरीन रणनीतिकार बनाता है. वह हमेशा मौके का फायदा उठाने में माहिर रहे हैं, और इस बार भी उनकी सोच ने भारत को जीत दिलाने में अहम योगदान दिया.
हरशित राणा की शानदार गेंदबाजी के चलते भारत ने यह मुकाबला 15 रनों से अपने नाम कर लिया. इंग्लैंड की टीम इस मुकाबले में अंत तक संघर्ष करती रही, लेकिन आखिरकार भारतीय गेंदबाजों के आगे उनकी एक न चली.