पाकिस्तान घरेलू क्रिकेट के हालात काफी खराब हैं. पूरा स्ट्रक्टचर बिगड़ गया है. करप्शन और फेवरेटिज्म हर टूर्नामेंट में होता है. अब एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने बड़े-बड़े राज खोले हैं. पाकिस्तान के ऑलराउंडर फहीम अशरफ ने खुलासा किया है कि अंपायरों के साथ दोस्ती घरेलू क्रिकेट में फैसलों को प्रभावित करती है, जिसमें अक्सर बाद में फोन नंबरों का आदान-प्रदान भी शामिल होता है.
उन्होंने पाकिस्तान के घरेलू सर्किट में खराब अंपायरिंग मानकों की आलोचना की और बताया कि शीर्ष अंपायर उच्च स्तर पर चले गए हैं. चैंपियंस कप के टीवी कवरेज ने इन मुद्दों को उजागर किया है. पाकिस्तान में अंपायरिंग के मानकों के बारे में बात करते हुए अशरफ ने कहा कि पाकिस्तान के घरेलू सर्किट में अच्छे अंपायर नहीं बचे हैं. उन्होंने पाकिस्तान के लिए 17 टेस्ट मैच खेले हैं.
देश में चल रहे एक दिवसीय टूर्नामेंट में अंपायरिंग के खराब स्तर से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सभी अच्छे अंपायर घरेलू क्रिकेट से चले गए हैं. घरेलू क्रिकेट में भी अंपायरिंग ऐसी ही (खराब) है, लेकिन टीवी कवरेज न होने की वजह से किसी को पता नहीं है. अब चैंपियंस कप के साथ हर कोई जानता है कि पाकिस्तान में अंपायरिंग किस स्तर पर है.
अच्छा या बुरा, अब हर कोई जानता है. अब उन्हें नियुक्त करने वालों को देखना होगा कि कौन किस स्तर पर अंपायरिंग करे.
दाएं हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज औऱ बाएं हाथ से बल्लेबाजी ने खुलासा किया कि घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों और अंपायरों के बीच पक्षपात का आदान-प्रदान होता है. उन्होंने दावा किया कि घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ी अंपायरों के दोस्त होते हैं, इसलिए वे बच जाते हैं या अंपायर उनके (फोन) नंबर ले लेते हैं. मैं सीधे तौर पर बात कर रहा हूं, लेकिन यहां चैंपियंस कप में कोई दोस्ती नहीं है क्योंकि सब कुछ टीवी स्क्रीन पर है. हर कोई देख रहा है.