भारतीय शतरंज खिलाड़ी डी. गुकेश ने सबसे कम उम्र में चेस की विश्व चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया है. दुनियाभर से उन्हें बधाई संदेश मिल रहे हैं लेकिन रूस के शतरंज महासंघ के अध्यक्ष आंद्रे फिलाटोव ने फाइनल मुकाबले में गुकेश के चीनी प्रतिद्वंद्वी रहे डिंग लिरेन की हार पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि डिंग लिरेन जानबूझकर गुकेश से हारे और इसकी जांच होनी चाहिए.
डिंग लिरेन की हार पर विवाद
FIDE और अन्य विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) के अध्यक्ष अर्काडी द्वोर्कोविच ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि खेलों में गलतियां स्वाभाविक हैं. उन्होंने कहा, 'खेलों में गलतियां होती हैं, यही खेल का रोमांच है. हर खिलाड़ी गलती करता है, और यह खेल की प्रकृति का हिस्सा है.' गैरी कास्पारोव, जो गुकेश की जीत के प्रशंसक रहे हैं, ने भी इस विवाद को महत्वहीन बताया. उन्होंने गुकेश की तारीफ करते हुए कहा, 'गुकेश ने शानदार तैयारी की और जीत उन्हीं की हुई, जो बेहतर खेले. यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक साल है, और वाकई शतरंज अपने उद्गम स्थल पर लौट आया है.'
डी. गुकेश ने दिया जवाब
डी. गुकेश ने इस विवाद पर संयमित प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'हर खेल में गलतियां होती हैं. विश्व चैंपियनशिप मैच केवल खेल कौशल से नहीं, बल्कि खिलाड़ी के चरित्र और इच्छाशक्ति से भी तय होते हैं. मैंने अपनी इच्छाशक्ति और मानसिक मजबूती का प्रदर्शन किया.' गुकेश ने खेल भावना का परिचय देते हुए डिंग लिरेन को उनकी कोशिशों के लिए बधाई दी.