'उन्हें इस झटके की जरूरत थी', पृथ्वी शॉ को क्यों निकाला गया? DC के मालिक ने कर दिया खुलासा
Prithvi Shaw: 25 साल के पृथ्वी शॉ आईपीएल 2025 की नाली में 75 लाख की बेस प्राइस के साथ उतरे थे, लेकिन उन्हें किसी ने नहीं खरीदा. वो साल 2018 से दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा थे, लेकिन इस सीजन डीसी ने उन्हें रिलीज कर दिया था.
Prithvi Shaw: आईपीएल 2025 के लिए हुई नीलामी में पृथ्वी शॉ पर किसी ने बोली नहीं लगाई. दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें रिलीज किया था, फिर नीलामी में बोली तक नहीं लगाई. पिछले सीजन तक दिल्ली कैपिटल्स उन्हें 7.5 करोड़ रुपए देती थी, इस बार वो टूर्नामेंट में नहीं दिखेंगे. आखिर दिल्ली ने इस खिलाड़ी को क्यों रिलीज किया था? इसका खुलासा खुद कैपिटल्स के को-ओनर पार्थ जिंदल ने किया है.
दरअसल, पृथ्वी शॉ ने आते ही क्रिकेट की दुनिया में बड़ा नाम बनाया था. पूरी दुनिया ने इस खिलाड़ी के टैलेंट का लोहा माना था. शॉ अगर क्रीज पर 10 ओवर खड़े रह जाते थे तो विरोधी टीम के हाथों से मैच निकल जाता था. टीम से रिलीज किए जाने पर दिल्ली कैपिटल्स के सह मालिक पार्थ जिंदल ने बताया कि पृथ्वी शॉ को इस तरह के झटके की जरूरत थी.
पार्थ जिंदल ने क्या खुलासा किया...
स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत में पार्थ जिंदल ने कहा 'पृथ्वी शॉ की काबिलियत पर कोई शक नहीं है. उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा जैसे महान खिलाड़ियों से की गई, लेकिन शॉ को इस झटके की जरूरत थी. उन्हें अनुशासन और फिटनेस पर काम करना होगा और दोबारा खेल से प्यार करना सीखना होगा.'
जिंदल ने इशारा किया कि शॉ की फिटनेस और अनुशासन में कमी उनकी सबसे बड़ी समस्याएं हैं. उनका मानना है कि शॉ को मेहनत करने की भूख दोबारा जगानी होगी.
प्रवीण आमरे ने क्या कहा?
पूर्व क्रिकेटर और दिल्ली कैपिटल्स के कोच प्रवीण आमरे ने भी पृथ्वी शॉ के प्रदर्शन और व्यवहार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा '23 साल की उम्र तक पृथ्वी शॉ ने 30-40 करोड़ रुपये कमा लिए थे, लेकिन शायद वह इतनी जल्दी मिले पैसे को संभाल नहीं पाए. अनुशासनहीनता उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गई.'
पार्थ जिंदल और प्रवीण आमरे दोनों को भरोसा है कि यह झटका शॉ के लिए एक पुनर्जागरण का काम करेगा. अगर शॉ फिटनेस, अनुशासन और मेहनत पर ध्यान दें, तो वे भविष्य में दोबारा आईपीएल और भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह बना सकते हैं.
फ्यूचर स्टार माने जा रहे थे
आपको बता दें कि पृथ्वी शॉ को उनके शुरुआती करियर में सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों का उत्तराधिकारी माना गया था. उन्होंने एमआरएफ का बैट लेकर बड़े मंच पर धमाकेदार प्रदर्शन किया और मुंबई के लिए तीनों फॉर्मेट में जगह बनाई, लेकिन समय के साथ उनकी फिटनेस और अनुशासन में कमी ने उनका करियर प्रभावित किया.