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India Daily

गंभीर के 'चक्रव्यूह' से कैसे टीम इंडिया बनी चैंपियन? पटेल- राहुल बने आज के युवराज-धोनी, स्पिनरों के लौटे अच्छे दिन

Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की चैंपियन रोहित एंड कंपनी बनी है. कप्तान ने ट्रॉफी उठाई और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
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Courtesy: Social Media

Champions Trophy 2025: 9 मार्च को दुबई में गौतम की गंभीर हिटमैन आर्मी ने इतिहास रचा. यह इतिहास था चैंपियन बनने का. चैंपियन बनने का सफर आसान नहीं था. क्योंकि उससे पहले टीम इंडिया को एक नहीं कई घाव मिले थे. पहला घाव श्रीलंका दौरे पर ओडीआई सीरीज हारने पर मिला. इसके बाद कप्तान रोहित शर्मा की खूब किरकिरी हुई. इस सीरीज हार के बाद लग रहा था कि सबकुछ सही हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. न्यूजीलैंड आई और हमे 3-0 से टेस्ट सीरीज हराकर हमारे जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर दिया. इस सीरीज को हारने के बाद कप्तान रोहित शर्मा आलोचको के निशाने पर आ गए. टीम इंडिया पहुंचती है ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लेकिन यहां भी उसे बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में मुंह की खानी पड़ती है. इस हार के बाद लग रहा था कि कप्तान रोहित शर्मा क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कहने वाले हैं. उनके रिटायरमेंट की हवा भी खूब उछली. लेकिन अंतत: 9 मार्च को कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला जीतकर हिटमैन ने सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया. 

भारत को चैंपियंस ट्रॉफी का चैंपियन बनाने में कोच गौतम गंभीर की चाणक्य नीती काम आई. उनके चाणक्य नीती के कुछ ऐसे फैसले जिन्होंने भारत को पूरे टूर्नामेंट में अजय बनाए रखा. आइए जातने हैं कि गौतम की गंभीर चाणक्य नीती के वो कौन से फैसले थे जिन्होंने भारत को चैंपियन बना दिया. इतना ही नहीं उनके एक फैसले ने भारत को नया माही यानी महेंद्र सिंह धोनी भी दे दिया है. इतना तो आप समझ ही गए होंगे कि भारत का नया धोनी कौन है. 

गंभीर ने चली चक्रवर्ती वाली चाल जो बनी गेम चेंजर

गौतम गंभीर ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के तीसरे मुकाबले में टीम में चार स्पिनरों को खिलाया. न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने वरुण चक्रवर्ती को खिलाकर सभी को हैरान कर दिया. वरुण ने 3 मैच खेले और तीनों में कमाल कर दिया. उन्होंने तीन मैचों में कुल 9 विकेट लेकर गेम बदल दिया. फाइनल और सेमीफाइनल मुकाबले में वरुण भारत के लिए तुरुप का इक्का साबित हुए. 

गौतम ने बिछाया स्पिनरों का माया जाल

चैंपियंस ट्रॉफी का जब टीम सिलेक्शन हुआ तो भारतीय टीम के सिलेक्शन पर सवाल उठे. क्योंकि 5 स्पिनरों का चयन किया गया था. रविंद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल, वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव. इन पाचों को टीम में रखने पर भारतीय टीम की किरकरी हुई थी. लेकिन किसे पता था कि गोतम गंभीर क्या सोच रहे हैं. उन्होंने पहले ही दुबई की परिस्थितियों को भांप लिया था. चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में टीम इंडिया के स्पनिरों ने अहम भूमिका निभाई. वरुण चक्रवर्ती ने 9 विकेट, कुलदीप यादव ने 7, जडेजा और अक्षर ने 5-5 विकेट चटकाए. फाइनल में भी टीम इ्ंडिया के स्पिनरों ने न्यूजीलैंड के रनों पर लगाम लगा दी थी नहीं तो न्यूजीलैंड की टीम 300 प्लस का स्कोर करती. 

अक्षर को युवराज तो राहुल को धोनी की भूमिका में किया फिट

इस चैंपियंस ट्रॉफी में कोच गौतम गंभीर ने सिर्फ स्पिनरों को प्लेइंग 11 में तरहीज देने के साथ ही बल्लेबाजी क्रम में भई बदलाव किया. टीम इंडिया के बैटिंग ऑर्डर में अक्षर पटेल को प्रमोट किया गया. उन्हें नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया. इस नंबर पर वह काफी हद तक खरे भी उतरे. कोच गौतम गंभीर ने अक्षर पटेल को युवराज सिंह की भूमिका वाला काम दिया था. 

अक्षर को प्रमोट करके नंबर पांच तो राहुल को 6 पर भेजकर टीम इंडिया को गौतम ने एक नया धोनी दे दिया. चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में केएल राहुल ने अपनी बैटिंग स्किल से भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की याद दिला दी. जैसे धोनी अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. वह परिस्थितियों के हिसाब से बल्लेबाजी करते थे. ठीक उसी प्रकार केएल राहुल ने चैंपियंस ट्रॉफी में भूमिका निभाई. केएल राहुल ने दबाव में शानदार खेल दिखाया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइल में परिस्थितियों को समझते हुए बैटिंग की और इंडिया को जीत दिलाई. फिर ठीक उसी प्रकार फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए टीम को चैंपियन बना दिया. 

केएल राहुल ने चैंपियंस ट्रॉफी में 5 मुकाबले में 4 में बल्लेबाजी की. उन्होंने इन चार मुकाबलों में बल्लेलबाजी करते हुए कुल 140 महत्वपूण रन बनाए. इस दौरान उनका औसत 140 के करीब था. 3 बार तो वह मैच खत्म करके नाबाद लौटे. बांग्लादेश के खिलाफ 41, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 42 और न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में 34 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को चैंपियन बना दिया.