Sanjay Singh and Brij Bhushan: कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने अपने सहयोगी संजय सिंह की जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि ये पूरे देश के पहलवानों की जीत है. उन्होंने कहा, "दबदबा था, दबदबा रहेगा!"
कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष चुने गए संजय सिंह, बृजभूषण सिंह के ही करीबी माने जाते हैं.
बृजभूषण सिंह ने मीडिया से कहा, "ये मेरी व्यक्तिगत जीत नहीं है, ये देश के पहलवानों की जीत है. पिछले 11 महीनों से सारी कुश्ती गतिविधियां बंद थीं. मुझे उम्मीद है कि अब संघ के नया रूप लेने के बाद, रुकी हुई कुश्ती गतिविधियां फिर शुरू हो जाएंगी."
उन्होंने आगे कहा, "एक संदेश दिया गया है. देश के हर अखाड़े में पटाखे फूट रहे हैं. दबदबा था, दबदबा रहेगा! मैं इस जीत का श्रेय देश के पहलवानों और चुनाव करने वालों को देता हूं. साथ ही, मैं सरकार का भी शुक्रिया अदा करता हूं. ये चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुए थे और केंद्र सरकार ने इसके लिए जनहित याचिका दायर की थी. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चुनाव कराए और केंद्र ने निष्पक्ष अध्यक्ष का चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए."
उन्होंने कहा, "कुश्ती पर पड़े 11 महीने के 'ग्रहण' का आज अंत हो गया है. 10 दिनों के भीतर कुश्ती का नक्शा फिर बदल जाएगा और हम ओलंपिक में लोगों की उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करेंगे."
वहीं इस जीत पर पहलवान साक्षी मलिक ने नए अध्यक्ष के बारे में कहा, "हमने महिला अध्यक्ष की मांग की थी. अगर अध्यक्ष महिला होतीं, तो शायद यौन उत्पीड़न नहीं होता. एक भी महिला को कोई पद नहीं दिया गया. हमने पूरी ताकत से लड़ाई लड़ी है, लेकिन ये लड़ाई जारी रहेगी. नई पीढ़ी के पहलवानों को लड़ना होगा."
दिल्ली में वोटिंग हुई और उसी के बाद मतगणना शुरू हो गई. संजय सिंह के नेतृत्व वाला ग्रुप जीत गया, इन्हें 40 वोट मिले जबकि दूसरे ग्रुप को सिर्फ 7 वोट मिले.
जीत के बाद संजय ने कहा, "कुश्ती के लिए राष्ट्रीय शिविर आयोजित किए जाएंगे. जो पहलवान राजनीति करना चाहते हैं वे करें, जो कुश्ती करना चाहते हैं वे कुश्ती करें."
नए चीफ संजय सिंह ने चुनाव के 12 घंटे के अंदर नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा कर दी. अंडर-15 और अंडर-20 की चैंपियनशिप होगी जो गोंडा के नंदिनी नगर में करायी जाएगी. 28 से 30 दिसंबर तक तीन दिवसीय प्रतियोगिता में फ्री स्टाइल, ग्रीको रोमन स्टाइल और महिला कुश्ती प्रतियोगियाएं होंगी.
बता दें, संजय पहले भी कुश्ती महासंघ की कार्यकारी परिषद में थे और 2019 से ही ज्वाइंट सेक्रेटरी के रूप में काम कर रहे थे.
असल में, ये चुनाव अगस्त में होने थे, लेकिन पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक पिटीशन पर सुनवाई के बाद चुनाव को रोक दिया था. पहले तो ये जून में होने वाले थे.
इस महीने की शुरुआत में बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने चुनावों के बारे में चर्चा की थी.
साक्षी के पति और पहलवान सत्यव्रत कादियान भी उस बैठक में मौजूद थे. बाद में मीडिया से बात करते हुए पहलवानों ने बताया कि मंत्री ने उन्हें भरोसा दिया है कि कुश्ती महासंघ में बृज भूषण से कोई भी नजदीकी नहीं आएगा.
अब संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद बजरंग पुनिया ने अपना पद्म श्री सरकार को वापस लौटाने का फैसला किया है.