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India Daily
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'पहलवानों के विरोध पर क्या अब मैं फांसी लटक जाऊं?' रेसलरों की नाराजगी पर बोले बृजभूषण सिंह

Brij Bhushan Singh: भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीत हुई. इससे पहलवानों को निराशा हुई. बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के विरोध को कांग्रेस के साथ मिलकर उनकी बदनामी करने का प्रयास बताया. 

auth-image
Antriksh Singh
Brij Bhushan Sharan Singh and sakshi malik

भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीत हुई. इस जीत से पहलवानों को निराशा हुई. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना विरोध जताया. इसके बाद रियो ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से सन्यास लेने का ऐलान किया. वहीं बजरंग पूनिया ने अपना पद्म पुरस्कार प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ पर छोड़ दिया.

विरोध कर रहे पहलवानों पर लगाया आरोप

बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के विरोध पर कहा कि वे कांग्रेस के साथ मिलकर उनकी बदनामी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में उनके समर्थित प्रत्याशी संजय सिंह की जीत हुई है. अब वे कुश्ती को आगे बढ़ाने पर ध्यान देंगे.

इसके अलावा उनका कहना है कि, क्या मैं इन पहलवानों के विरोध पर अब फांसी पर लटक जाऊं. ये लोग क्रांग्रेस की गोद में बैठे हैं और देश का कोई पहलवान इनके साथ नहीं हैं. 

साथ ही उन्होंने कहा कि कुश्ती पर जो 11 महीने का ग्रहण लगा था, वो अब हट गया है. 

फांसी पर लटक जाएं? 

इसके अलावा उन्होंने साक्षी मलिक के संन्यास पर भी कहा कि जो लोग 12 महीनों से हमें गाली दे रहे हैं, वो संन्यास ले रहे हैं, तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं? आज वे इलेक्शन पर सवाल खड़े करते हैं. कांग्रेस की गोद में जाकर बैठे इन पहलवानों के साथ आज देश का कोई भी रेसलर नहीं खड़ा है. हम क्या अब उनकी मदद करें? इसके लिए फांसी पर लटक जाएं? 

बता दें, साक्षी मलिक ने कहा कि उनकी लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ थी. वे चाहते थे कि उनका कब्जा फेडरेशन से हट जाए. सरकार ने उनकी मांग को स्वीकार भी किया था, लेकिन अब संजय सिंह का चुनाव हो गया है.