Paris Olympic: पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को हुआ एक बॉक्सिंग मुकाबला चर्चा का विषय बना. दरअसल, अल्जीरिया की इमान खेलीफ ने गुरुवार को अपना पहला ओलंपिक मुक्केबाजी मुकाबला जीत लिया, जब उनकी प्रतिद्वंद्वी इटली की एंजेला कैरिनी ने मात्र 46 सेकंड के बाद ही मुकाबला छोड़ दिया. अब सवाल है कि आखिर इतने कम सेकेंड में ये मुकाबला क्यों खत्म हो गया. कारण था इमान खेलीफ का पंच. उन्होंने ऐसा जोरदार पंच मारा की इटली की मुक्केबाज एंजेला कैरिनी रोने लगीं. उन्होंने कहा कि ऐसा पंच उन्होंने अपनी लाइफ में कभी नहीं खाया. मामला यहीं नहीं रुकता. दरअसल, इमान खेलीफ वही बॉक्सर हैं जिनके ऊपर जेंडर का आरोप है. यानी उनके ऊपर ये आरोप है कि वह महिला नहीं पुरुष हैं.
कैरिनी ने खेलीफ से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया और फिर जब खलीफ का हाथ विजेता के रूप में घोषित किया गया तो उन्होंने रेफरी से अपना हाथ खींच लिया और कोने में जाकर बैठ गईं.
इमान खेलीफ को 2023 में वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल से पहले लिंग जांच में फेल होने के कारण बाहर कर दिया गया था. जांच में पाया गया था कि वह पुरुष है.
पिछले साल हुई इमान खेलीफ की जांच में पाया गया था कि उनका टेस्टोस्टेरोन बहुत ज्यादा है. उनके डीएनए में एक्स और वाई दोनों क्रोमोसोम पाए गए थे. किसी इंसान के XY क्रोमोसोम पाए जाने का मतलब है कि वह पुरुष है. क्योंकि स्त्रियों में सिर्फ XX क्रोमोसोम्स होते हैं.
हारने वाली इटली की मुक्केबाज एंजेला कारिनी ने कहा- "मैं दुखी हूं क्योंकि मैं एक लड़ाकू योद्धा हूं. मेरे पिता ने मुझे योद्धा बनना सिखाया. मैंने हमेशा सम्मान के साथ रिंग में कदम रखा है और मैंने हमेशा अपने देश की वफादारी के साथ सेवा की है. और इस बार मैं ऐसा नहीं कर सकी क्योंकि मैं और नहीं लड़ सकती था, और इसलिए मैंने मैच खत्म कर दिया. मैंने अपनी लाइफ में ऐसा पंच कभी नहीं खाया."
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति पेरिस में मुक्केबाजी का प्रभारी है, क्योंकि IBA को कई वर्षों से प्रशासनिक समस्याओं, वित्तीय पारदर्शिता की कमी तथा निर्णायक एवं रेफरी के रूप में भ्रष्टाचार के कई मामलों के कारण पिछले दो ओलंपिक से प्रतिबंधित कर दिया गया है. IOC ने आईबीए का ओलंपिक दर्जा रद्द कर दिया था.
ओलंपिक का दर्जा रद्द होने के बाद से IBA ने 3 दर्जन से अधिक सदस्यों को खो दिया है, जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग नामक एक नया समूह बनाया है, जिसे 2028 लॉस एंजिल्स खेलों से पहले आईओसी द्वारा खेल के शासी निकाय के रूप में मान्यता मिलने की उम्मीद है.
आईबीए ने पेरिस में मुक्केबाजों की मौजूदगी का फायदा उठाकर आईओसी की आलोचना की है. इस साल की शुरुआत में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट द्वारा आईओसी के प्रतिबंध को बरकरार रखने के बाद, आईबीए ने स्विस फेडरल ट्रिब्यूनल में अपील की.
ओलंपिक में लिंग की जांच नहीं होती. बस महिला होने का सर्टिफिकेट जमा करना पड़ता है लेकिन IBA प्रॉपर जांच कराता था. इसीलिए पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की इमान खेलीफ को खेलने का मौका मिल गया.