BCCI Test Cricket Scheme: बीसीसीआई टेस्ट क्रिकेट को प्रमोट करने के लिए कई कदम उठा रहा है. जय शाह ने रणजी खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए इंसेंटिव स्कीम का ऐलान किया था. इसके तहत हर सीजन में कम से कम 10 टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ी को 4.50 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की गई. टेस्ट इंसेंटिव स्कीम के बाद अब बीसीसीआई रणजी खिलाड़ियों के लिए फीस बढ़ोतरी पर काम कर रहा है. मार्च की शुरुआत में बीसीसीआई द्वारा घोषित टेस्ट इंसेंटिव स्कीम के तहत, खिलाड़ियों को अब 15 लाख रुपये के मैच फीस के अलावा प्रति टेस्ट मैच में 45 लाख रुपये तक प्रोत्साहन राशि मिलेगा.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) देश के प्रमुख घरेलू रेड-बॉल टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी के लिए एक समान पारिश्रमिक योजना पर काम कर रहा है. ऐसा तब हुआ है जब बीसीसीआई खिलाड़ियों द्वारा घरेलू क्रिकेट की जगह अमीर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को चुनने के चलन पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहा है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना के बाद बीसीसीआई इस बात पर काम कर रहा है कि हम रणजी खेलने वाले खिलाड़ियों को कैसे सही पैसा और सम्मान दे सकें. बीसीसीआई टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटर को अधिक महत्व देने के लिए मैच फीस बढ़ाने की योजना बना रहा है. मार्च की शुरुआत में बीसीसीआई द्वारा घोषित टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना के तहत अब खिलाड़ियों को अब 15 लाख रुपये की मैच फीस के अलावा प्रति टेस्ट मैच 45 लाख रुपये तक प्रोत्साहन मिलेगा.
बीसीसीआई ने ये कदम युवा खिलाड़ियों के आईपीएल की तरफ ज्यादा बढ़ते रुझान को लेकर उठाए हैं. एक यंग प्लेयर किसी तरह से बस आईपीएल खेलना चाहता है क्योंकि इस लीग में प्लेयर्स को अच्छे पैसे मिलते हैं. पैसे के साथ फेम भी है. इंडियन एक्सप्रेस ने अपने एक रिपोर्ट में बताया था कि आईपीएल 2024 के लिए साइन अप करने वाले 165 भारतीय क्रिकेटरों में से 56 अपने राज्य की रणजी टीम होने के बावजूद रणजी सीज़न में एक भी मैच के लिए उपस्थित नहीं हुए.
कुछ बड़े खिलाड़ियों जैसे ईशान किशन, श्रेयस अय्यर और दीपक चाहर रणजी क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं दी. इसके बाद बीसीसीआई ने कड़ा एक्शन लेते हुए फरवरी में बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से श्रेयस अय्यर और ईशान किशन जैसे भारतीय खिलाड़ियों को बाहर कर दिया.