BCCI Awards 2024: 23 जनवरी को हैदराबाद में BCCI अवॉर्ड 2024 की सेरेमनी आयोजित हुई है, जिसमें टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी और पूर्व हेड कोच कोच रवि शास्त्री को प्रतिष्ठित कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. अवॉर्ड लेने के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा में विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की पारी को अपने कार्यकाल की बेस्ट पारी करार दिया है. इस दौरान वह इमोशनल भी हो गए.
अपने कोचिंग कार्यकाल में काफी आलोचनाएं झेलने वाले रवि शास्त्री से समारोह के दौरान जब उनके करियर का यादगार लम्हा पूछा गया तो उन्होंने कहा 'यह मेरे लिए एक विशेष शाम है. एक पल चुनना मुश्किल है, मेलबर्न में 1985 बनाम पाकिस्तान फाइनल, 1983 जब भारत जब विश्व कप जीता, कमेंट्री में 2007 और 2011 जब भारत ने बाजी मारी विशेष था, लेकिन सोने पर सुहागा गाबा में आखिरी दिन था, जब ऋषभ पंत ने हमें फिनिशिंग लाइन से आगे बढ़ाया.'
🗣️🗣️ 𝙄𝙩'𝙨 𝙖 𝙫𝙚𝙧𝙮 𝙩𝙤𝙪𝙘𝙝𝙞𝙣𝙜 𝙢𝙤𝙢𝙚𝙣𝙩 𝙛𝙤𝙧 𝙢𝙚@RaviShastriOfc on winning the Col. C.K. Nayudu Lifetime Achievement Award 🏆👌#NamanAwards pic.twitter.com/WHCpKHo3SJ
— BCCI (@BCCI) January 23, 2024
आपको बता दें कि ऋषभ पंत ने साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट में कमाल किया था. उन्होंने अकेले लड़ते हुए 89 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई थी. इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने कंगारुओं का घमंड तोड़ा था और लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट सीरीज अपने नाम की थी. पंत की यह पारी टेस्ट क्रिकेट में उनकी सबसे बेस्ट कही जा सकती है, जिसका रवि शास्त्री ने जिक्र किया है.
दरअसल, भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को रवि शास्त्री के कार्यकाल में दो बार टेस्ट सीरीज हराई थी. यह साल 2018/19 और 2020/21 का था, जब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं की धरती पर हराया था. इस लेकर शास्त्री ने कहा कि कोच के रूप में ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो सीरीज जीत खास थी, लेकिन अगर आप मुझसे एक पल के बारे में पूछोगे जो सोने पर सुहागा रहा, वो गाबा में हमने आखिरी दिन जीत की दहलीज को पार किया था, उन्होंने ऋषभ पंत की तारीफ की.
रवि शास्त्री ने अपने क्रिकेट करियर को याद करते हुए कहा 'मैंने बीसीसीआई को 40 सालों में विकसित होते और एक पावरहाउस बनते देखा है. यह बहुत ही मार्मिक पल है. मैंने 17 साल की उम्र में शुरुआत की और 30 की उम्र में खत्म किया, बीसीसीआई अभिभावक थे. देश के लिए खेलने पर गर्व था.'