World Cup 2023 के बाद बड़े बदलाव के मूड में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड, कोचिंग सेट-अप का होगा कायाकल्प

बांग्लादेश की टीम ने आईसीसी वर्ल्ड कप में निराश किया है. खराब प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड मौजूदा कोचिंग सेट-अप में बड़ा बदलाव कर सकता है.

Gyanendra Sharma

नई दिल्ली: बांग्लादेश की टीम ने आईसीसी वर्ल्ड कप में निराश किया है. खराब प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड मौजूदा कोचिंग सेट-अप में बजडा बदलाव कर सकता है. क्रिकबज ने इसकी पुष्टि की और कहा कि मुख्य कोच चंडिका हाथुरुसिंघा और सहायक कोच निक पोथास का भविष्य खतरे में नहीं है. इस समय बादल छाए हुए हैं क्योंकि वे विश्व कप से पहले के महीनों में ही टीम में शामिल हुए थे. बीसीबी अपने तेज गेंदबाजी कोच एलन डोनाल्ड और स्पिन गेंदबाजी कोच रंगना हेराथ के साथ-साथ अपने फील्डिंग कोच शेन मैकडरमॉट का अनुबंध बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं रखता है.

विश्लेषक श्रीनिवास चन्द्रशेखरन छोड़ेंगे पद

इस बीच टीम के विश्लेषक श्रीनिवास चन्द्रशेखरन व्यक्तिगत कारणों से वर्ल्ड कप के बाद अपना पद छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. 2017 में टीम में शामिल हुए श्रीनिवास ने बीसीबी अधिकारियों को बताया कि अत्यधिक यात्रा के कारण वह इस टूर्नामेंट के अब आगे अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे. श्रीनिवास ने क्रिकबज को बताया कि अत्यधिक यात्रा के कारण वह इस टूर्नामेंट के बाद आगे नहीं बढ़ सके.

पांच मैच हार चुका है बांग्लादेश

हाथुरुसिंघा, जिन्होंने पहले 2014 से 2017 तक टीम को कोचिंग दी थी ने बीसीबी के साथ दो साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जो फरवरी 2023 में रसेल डोमिंगो की जगह लेगा क्योंकि बाद में उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किए बिना अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सहायक कोच निक पोथास ने अप्रैल में ही दो साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. बांग्लादेश मौजूदा आईसीसी विश्व कप में लगातार पांच मैच हार चुका है, जिसे कप्तान शाकिब अल हसन ने हाल का फॉर्म ठीक नहीं है.

इससे पहले बीसीबी ने पिछले विश्व कप में उनके निराशाजनक प्रदर्शन के बाद स्टीव रोड्स को जारी नहीं रखने का फैसला किया था और दोनों आपसी शर्तों पर अलग हो गए थे लेकिन ऐसा लग रहा था कि अंग्रेज को बलि का बकरा बनाया गया था.

 तस्कीन अहमद ने क्या कहा?

बांग्लादेश के तेज गेंदबाज तस्कीन अहमद ने नीदरलैंड के खिलाफ खेल से पहले संवाददाताओं से कहा कि किसी भी कोच ने हमें नुकसान नहीं पहुंचाया लेकिन हर किसी के पास समय सीमा होती है. कभी-कभी इसे बढ़ाया जाता है और कभी-कभी इसे नहीं बढ़ाया जाता है और कई बार ऐसा होता है जब कोच रुकना नहीं चाहता है. जब वे जाते हैं तो बहुत सारी बातें होती हैं कि यह-यह समस्या थी और ऐसा ज्यादातर के साथ तब होता है जब वे जा रहे होते हैं लेकिन यह कितना सच है यह हम भी नहीं जानते और बाद में हमें पता चलता है कि वह जा रहे हैं. इस या उस कारण से, लेकिन जिसने भी हमारे साथ काम किया उसने हमारी मदद की है.