Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में ग्रुप बी में चार मजबूत टीमें - ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान शामिल हैं. 19 फरवरी से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया अपने प्रमुख तेज गेंदबाजों के बिना उतर रहा है, लेकिन आईसीसी टूर्नामेंट्स में उसका शानदार रिकॉर्ड उसे सेमीफाइनल में पहुंचने का प्रबल दावेदार बनाता है.
हालांकि, इंग्लैंड और अफगानिस्तान भी कड़ी चुनौती पेश करने के लिए तैयार हैं. आइए जानते हैं इन टीमों की ताकत, कमजोरियां, अवसर और संभावित खतरों के बारे में.
इंग्लैंड के पास आक्रामक बल्लेबाजों की फौज है. जोस बटलर, फिल साल्ट, हैरी ब्रूक, जो रूट और लियाम लिविंगस्टोन की मौजूदगी में इंग्लैंड किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर सकता है. लेग स्पिनर आदिल रशीद हाल ही में भारत के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं. चैंपियंस ट्रॉफी की पिचों पर स्पिनरों को मदद मिलने की संभावना है, जिससे रशीद की भूमिका और भी अहम हो जाती है.
कमजोर पक्ष
भारत के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज में इंग्लैंड के बल्लेबाज स्पिन के सामने संघर्ष करते नजर आए. रूट और बटलर को छोड़कर अन्य बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ असहज दिखाई दिए. पाकिस्तान का दौरा करने के बाद इंग्लैंड को एशियाई परिस्थितियों का अच्छा अनुभव हो गया है. साथ ही रूट और बटलर की शानदार फॉर्म इंग्लैंड को मजबूती देती है.
खतरा
अफगानिस्तान के पास राशिद खान और मोहम्मद नबी जैसे बेहतरीन स्पिनर हैं, जो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकते हैं. इसके अलावा, इंग्लैंड के पास सिर्फ रशीद के रूप में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर है.
दक्षिण अफ्रीका: संतुलित टीम लेकिन दबाव में प्रदर्शन करने की चुनौती
मजबूत पक्ष
दक्षिण अफ्रीका के पास टेम्बा बावुमा, एडेन मार्करम, हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर जैसे संतुलित बल्लेबाज हैं. साथ ही, कैगिसो रबाडा और केशव महाराज के नेतृत्व में मजबूत गेंदबाजी आक्रमण है.
कमजोर पक्ष
महत्वपूर्ण मैचों में प्रदर्शन न कर पाने की चोकर्स की छवि दक्षिण अफ्रीका के साथ जुड़ी रही है. इसके अलावा, एनरिक नोर्किया की अनुपस्थिति गेंदबाजी में कमजोरी ला सकती है. दक्षिण अफ्रीका के पास महत्वपूर्ण मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर चोकर्स की छवि से बाहर निकलने का मौका है.
खतरा
ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान दक्षिण अफ्रीका की सेमीफाइनल की राह में बाधा डाल सकते हैं. गेंदबाजों को बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा, खासकर तब, जब हाल में पाकिस्तान के खिलाफ वे 350 से ज्यादा के स्कोर का बचाव नहीं कर पाए थे.
अफगानिस्तान: स्पिन का जादू और अनुभव, लेकिन मध्यक्रम में कमजोरी
मजबूत पक्ष
राशिद खान, मोहम्मद नबी, नूर अहमद, और नांगेयालिया खारोटे जैसे स्पिनर अफगानिस्तान की सबसे बड़ी ताकत हैं. इसके अलावा, टीम के खिलाड़ी लंबे समय से एक साथ खेल रहे हैं, जिससे उनकी टीम वर्क शानदार है.
कमजोर पक्ष
अफगानिस्तान के पास वनडे क्रिकेट का हालिया अनुभव नहीं है। उन्होंने दिसंबर 2024 में जिंबाब्वे के खिलाफ आखिरी वनडे खेला था. अफगानिस्तान के सभी मैच कराची और लाहौर में हैं, जहां स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलेगी. यह उनके स्पिन आक्रमण के लिए एक बड़ा अवसर है.
खतरा
मध्यक्रम की बल्लेबाजी कमजोर होने के कारण रहमानुल्लाह गुरबाज़ और इब्राहिम जादरान पर अतिरिक्त दबाव है. हशमतुल्लाह शाहिदी और गुलबदीन नायब को मध्यक्रम में स्थिरता लानी होगी.