Ajinkya Rahane: भारतीय क्रिकेट टीम में हमें कई ऐसे खिलाड़ी देखने को मिले हैं, जिन्हें बचपन में बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. हालांकि, अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और क्रिकेट में अपना नाम बनाया. इसमें रोहित शर्मा से लेकर यशस्वी जायसावल जैसे खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं. ऐसे में अब टीम इंडिया से बाहर चल रहे स्टार बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने अपनी आपबीती सुनाई है.
भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने हाल ही में अपने बचपन के संघर्षों की कहानी साझा की. चैंपियंस ट्रॉफी से पहले, रहाणे ने बताया कि किस तरह उनके परिवार ने आर्थिक तंगी का सामना किया और उनकी मां ने दूसरों के घरों में काम कर परिवार का गुजारा किया.
अजिंक्य रहाणे ने बताया कि उनके पिता की कमाई इतनी नहीं थी कि घर की जरूरतें पूरी हो सकें. ऐसे में उनकी मां ने घरों में काम करके परिवार को सहारा दिया. रहाणे ने कहा, "मैं एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से हूं. मेरे पिता की तनख्वाह कम थी. इसलिए मेरी मां ने बच्चों की देखभाल का काम करना शुरू किया. उन दिनों की यादें आज भी मेरे मन में ताजा हैं. यही वजह है कि मैं हमेशा जमीन से जुड़ा रहना पसंद करता हूं."
रहाणे ने यह भी बताया कि क्रिकेट खेलने के लिए उन्हें रोजाना डोंबिवली से मुंबई आना-जाना पड़ता था. उन्होंने कहा, "जब मैं आठ साल का था, तब से अकेले ट्रेन से सफर करने लगा था. मेरे पिता को दफ्तर जाना होता था, इसलिए मैं अकेला ही क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए जाया करता था. उस समय सफर करना बहुत मुश्किल होता था, लेकिन मेरा सपना बड़ा था."
अजिंक्य रहाणे ने बताया कि जब वह भारतीय टीम में चयनित हुए, तब भी उन्होंने फिजूलखर्ची से बचने की आदत नहीं छोड़ी. उन्होंने अपनी पहली कार सेकंड हैंड खरीदी. रहाणे ने कहा, "जब मैं भारतीय टीम में आया, तब मैंने नई महंगी कार नहीं खरीदी. मैंने पुरानी वैगनआर ली. लोग कहते थे कि बड़ी कार लो, लेकिन मेरे लिए सफर आसान होना जरूरी था. मैं पैसों का सही इस्तेमाल करना चाहता था. दो साल बाद मैंने होंडा सिटी खरीदी."