Sanjay Manjarekar Controversial Remarks on Virat Kohli: पिछले हफ्ते बारबाडोस में हुए टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में विराट कोहली ने एमएस धोनी जैसा कमाल कर दिखाया. टूर्नामेंट के शुरुआती सात मैचों में संघर्ष करने के बाद, जहां उन्होंने सिर्फ 75 रन बनाए (उनका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन), कोहली ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 59 गेंदों में 76 रन की मैच विनिंग पारी खेली.
ये बिल्कुल वैसा ही था जैसा धोनी ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में किया था. इस पारी की बदौलत भारत ने 7 रन से जीत हासिल की.
हालांकि, कोहली को प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब दिया गया, लेकिन पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर इस पारी से खुश नहीं थे. उन्होंने एक बार फिर स्ट्राइक रेट की बहस छेड़ दी. पावरप्ले में तीन विकेट गंवाने के बावजूद, भारत ने पहले छह ओवरों में 45 रन बनाए, जिसमें कोहली ने चार चौके लगाए. लेकिन चौथे विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी के बावजूद टीम की वापसी अक्षर पटेल के बल्ले से ही हुई.
अक्षर पटेल ने 31 गेंदों में 47 रन बनाकर टीम का स्कोर 14वें ओवर में 106/4 तक पहुंचा दिया. इस दौरान कोहली ने एक भी चौका नहीं लगाया. उनकी इस धीमी पारी ने अगले बल्लेबाज शिवम दूबे को तेज खेलने की छूट दे दी. दूबे ने 16 गेंदों में 27 रन बनाए. बाद में कोहली ने आखिरी ओवरों में फिर से रन बनाना शुरू किया और भारत को 177 रन का स्कोर खड़ा करने में मदद की.
ईएसपीएनक्रिकइंफो से बात करते हुए, मांजरेकर ने कहा कि कोहली की पारी थोड़ी धीमी थी. जिसकी वजह से भारत के फॉर्म में चल रहे मध्यक्रम बल्लेबाज हार्दिक पांड्या को सिर्फ दो गेंदें खेलने का मौका मिला. साथ ही टीम एक मुश्किल स्थिति में भी फंस सकती थी.
मांजरेकर ने कहा, 'इस पारी को खेलने से हार्दिक पांड्या जैसे विस्फोटक बल्लेबाज को सिर्फ दो गेंदें मिलीं. तो मुझे लगा कि भारत की बल्लेबाजी अच्छी रही, लेकिन विराट कोहली ने ऐसी पारी खेली जिससे भारत मुश्किल स्थिति में फंस सकता था. और ऐसा लगभग हुआ भी था, लेकिन गेंदबाजों ने अंत में कमाल कर दिया.'
पूर्व भारतीय बल्लेबाज का मानना है कि अगर अंतिम ओवरों में गेंदबाजों का कमाल न होता, तो भारत फाइनल हार जाता. हेंरिक क्लासेन के 23 गेंदों में अर्धशतक के बाद दक्षिण अफ्रीका के पास जीत का 90 प्रतिशत मौका था. इसलिए मांजरेकर को लगता है कि प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब कोहली को नहीं, बल्कि किसी गेंदबाज को दिया जाना चाहिए था, क्योंकि कोहली का स्ट्राइक रेट सिर्फ 128 रहा.
उन्होंने आगे कहा, "भारत हार की स्थिति में था, दक्षिण अफ्रीका के पास जीत का 90 प्रतिशत मौका था. गेंदबाजों ने ही भारत को हार के मुंह से निकाला और जीत दिलाई. इसलिए मेरे हिसाब से प्लेयर ऑफ द मैच कोई गेंदबाज होना चाहिए था."
भारत ने आखिरकार फाइनल सिर्फ 7 रन से जीत लिया और अपना दूसरा टी20 वर्ल्ड कप खिताब हासिल किया. यह भारत की 17 साल बाद पहली टी20 वर्ल्ड कप जीत है.