आस्ट्रेलिया में रहने वाले शरणार्थियों को लेकर बनी अफगानिस्तान महिला क्रिकेट टीम 2021 के बाद मैदान पर वापसी करेगी और यहां बृहस्पतिवार को ‘क्रिकेट विदाउट बॉर्डर्स ’ एकादश के खिलाफ टी20 मैच खेलेगी. तालिबान के सत्तारूढ होने के बाद यहां भागकर आये अफगानिस्तान के लोगों में से चुनकर यह टीम बनी है . आस्ट्रेलिया आने के बाद ये लोग कैनबरा और मेलबर्न में रह रहे हैं. मैच आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच महिला एशेज टेस्ट के पहले दिन से पूर्व खेला जायेगा.
क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी निक हॉकली ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा , यह पहला कदम है . यह काफी रोमांचक दिन होगा और मुझे उम्मीद है कि यह मैच हर साल हो सकेगा और इस टीम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका भी मिलेगा पुरूष क्रिकेट में आस्ट्रेलियाई टीम अफगानिस्तान से द्विपक्षीय मैच नहीं खेलती है लेकिन आईसीसी टूर्नामेंटों में उनका सामना करती है.
अफगानिस्तान महिला क्रिकेट टीम की वापसी
2021 के बाद अफगानिस्तान महिला क्रिकेट टीम एक बार फिर मैदान पर वापसी करने जा रही है. इस बार यह टीम अफगानिस्तान के उन शरणार्थियों के खिलाड़ियों से बनी है, जो तालिबान के शासन के बाद अपनी जान बचाने के लिए आस्ट्रेलिया भागकर आए थे. इस नई टीम का पहला मैच बृहस्पतिवार को ‘क्रिकेट विदाउट बॉर्डर्स’ एकादश के खिलाफ खेला जाएगा. यह मैच विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक नई शुरुआत का प्रतीक है और अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए क्रिकेट के प्रति प्यार और समर्पण को उजागर करता है.
तालिबान के आने से लगी पाबंदियां
तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान में महिला क्रिकेट की स्थिति संकटपूर्ण हो गई थी. तालिबान ने महिलाओं के खेलों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं, जिससे अफगानिस्तान की महिला क्रिकेट टीम और महिला खिलाड़ियों के लिए कठिन परिस्थितियां पैदा हो गई थीं. ऐसे में, अफगान महिलाओं ने आस्ट्रेलिया में शरण ली और वहां के विभिन्न शहरों जैसे कैनबरा और मेलबर्न में अपने नए जीवन की शुरुआत की. इन शहरों में रहने के दौरान इन महिला क्रिकेटरों ने अपनी क्रिकेटिंग यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया और एक टीम बनाई.
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)