menu-icon
India Daily

अद्भुत! 10000 साल पहले विलुप्त हो चुके 'डायर वोल्फ' को वैज्ञानिकों ने किया ज़िंदा, कैसे हुआ ये करिश्मा?

कोलोसल बायोसाइंसेज के वैज्ञानिकों ने 10,000 साल पहले विलुप्त हो चुके भयानक भेड़ियों (डायर वुल्फ) की छवि को पुनर्जनन करने में सफलता हासिल की है. वैज्ञानिकों ने प्राचीन जीवाश्मों से डीएनए निकालकर इस परियोजना को संभव बनाया.

auth-image
Edited By: Garima Singh
dire wolf
Courtesy: x

Colossal dire wolf pups: हिमयुग का एक रोमांचक अध्याय फिर से जीवंत हो रहा है. कोलोसल बायोसाइंसेज के वैज्ञानिकों ने 10,000 साल पहले विलुप्त हो चुके भयानक भेड़ियों (डायर वुल्फ) की छवि को पुनर्जनन करने में सफलता हासिल की है. 

शोधकर्ताओं ने तीन भेड़ियों के पिल्ले विकसित किए हैं, जो उन विलुप्त  हो चुके शिकारियों से समानता रखते हैं, जो कभी उत्तरी अमेरिका के जंगलों पर राज करते थे. ये पिल्ले, जिनकी उम्र तीन से छह महीने के बीच है, अमेरिका में एक सुरक्षित स्थान पर रखे गए हैं. 

प्राचीन डीएनए से खुला विकास का रहस्य

वैज्ञानिकों ने प्राचीन जीवाश्मों से डीएनए निकालकर इस परियोजना को संभव बनाया. ओहियो में मिला 13,000 साल पुराना दांत और इडाहो से प्राप्त 72,000 साल पुराना खोपड़ी का टुकड़ा इस शोध का आधार बना. संग्रहालयों में संरक्षित इन नमूनों ने डायर वुल्फ के जीनोम को समझने में मदद की.  शोधकर्ताओं ने CRISPR तकनीक का उपयोग कर ग्रे वुल्फ की रक्त कोशिकाओं को 20 स्थानों पर संशोधित किया. इसके बाद, इन कोशिकाओं को कुत्ते के अंडों के साथ जोड़ा गया और घरेलू कुत्तों की सरोगेट माताओं में प्रत्यारोपित किया गया. 62 दिन की गर्भावस्था के बाद ये अनोखे पिल्ले जन्मे, जो डायर वुल्फ से मिलते-जुलते हैं. 

क्या ये पिल्ले बनेंगे असली शिकारी?

कोलोसल के मुख्य पशु देखभाल विशेषज्ञ मैट जेम्स ने कहा, "वे शायद कभी नहीं सीखेंगे कि विशालकाय एल्क या बड़े हिरण को कैसे मारना है " उनका मानना है कि जंगली माता-पिता से मिलने वाली व्यवहारिक शिक्षा इन पिल्लों को नहीं मिल सकती. हालांकि ये पिल्ले दिखने में डायर वुल्फ जैसे हैं, लेकिन उनका व्यवहार आधुनिक कुत्तों जैसा ही रहने की संभावना है. जेम्स ने यह भी बताया कि इनका रूप भले ही अनोखा हो, लेकिन ये वास्तविक भयानक भेड़ियों की तरह खूंखार नहीं होंगे. 

वैज्ञानिकों की राय और भविष्य की संभावनाएं

एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, स्वतंत्र वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रयोग डायर वुल्फ को पूरी तरह वापस नहीं ला सकता. बफ़ेलो विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी विन्सेंट लिंच, जो इस शोध से जुड़े नहीं हैं, ने कहा, "अब आप बस इतना कर सकते हैं कि किसी चीज़ को सतही तौर पर किसी और चीज़ जैसा बना दें - विलुप्त प्रजातियों को पूरी तरह से पुनर्जीवित न करें।" फिर भी, कोलोसल पहले ऊनी मैमथ और डोडो जैसी विलुप्त प्रजातियों को पुनर्जनन की परियोजनाएं शुरू कर चुका है. साथ ही, दक्षिण-पूर्वी अमेरिका के लाल भेड़ियों की जंगली आबादी से चार क्लोन भी तैयार किए गए हैं.