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Nobel Prize 2024: विक्टर एंब्रोस और गेरी रुवकोन को मेडिसिन का नोबेल प्राइज, इस खोज के लिए हुए सम्मानित

Nobel Prize 2024: इस साल का मेडिसिन का नोबेल प्राइज विक्टर एंब्रोस और गेरी रुवकोन को मिला है. दोनों को नोबेल प्राइज RNA की खोज के लिए मिला है.

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Edited By: India Daily Live
Nobel Prize 2024
Courtesy: Social Media

Nobel Prize 2024: अमेरिकी वैज्ञानिक विक्टर एंब्रोस और गेरी रुवकोन को इस साल का मेडिसिन और फिजियोलॉजी के लिए नोबेल प्राइज मिला है. इसकी घोषणा आज की गई है. दोनों को नोबेल प्राइज RNA की खोज के लिए मिला है. इंसान की शरीर में छोटे RNA होते हैं और इसके बिना सेल नहीं डेवलेप हो सकते. RNA में बदलाव होने से कैंसर जैसी बीमारियों होने का खतरा बढ़ता है. 

माइक्रो RNA की जीन कोडिंग में म्यूटेशन होने की वजह से इंसानों के शरीर में सुनने की क्षमता, आंखों और शारीरिक बनावट में समस्या आती हैं. नोबेल प्राइज इस बार 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक दिया जाएगा. साइंस, साहित्य, अर्थशास्त्र और शांति के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को नोबोल प्राइज दिया जाएगा. 1901 में जब नोबेल प्राइज की शुरुआत हुई थी, तब से 2024 तक मेडिसिन की फील्ड में 229 लोगों को इससे सम्मानित किया जा चुका है. 

कौन हैं विक्टर एंब्रोस? 

विक्टर एंब्रोस का जन्म 1953 में हनोवर, न्यू हैम्पशायर, यू.एस.ए. में हुआ था. उन्होंने 1979 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और 1985 तक पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता के रूप में वहां काम करते रहे. 1985 में वे हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर बन गए. 1992 से 2007 तक, उन्होंने डार्टमाउथ मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर के रूप में काम किया और वर्तमान में वे वॉर्सेस्टर, एमए में यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल में नेचुरल साइंस के सिल्वरमैन प्रोफेसर हैं.

कौन हैं गेरी रुवकोन?

गेरी रुवकोन का जन्म 1952 में बर्कले, कैलिफोर्निया, यू.एस.ए. में हुआ था. उन्होंने 1982 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की, उसके बाद 1982 से 1985 तक एम.आई.टी. में पोस्टडॉक्टरल कार्य किया. 1985 में, वे मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मुख्य अन्वेषक बन गए, जहां वे अब जेनेटिक्स के प्रोफेसर हैं.

क्यों दिया जाता है नोबेल प्राइज

यह प्रतिष्ठित पुरस्कार कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के 50 प्रोफेसरों की नोबेल असेंबली द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है, जो मानव जाति के लाभ के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को मान्यता प्रदान करता है. फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए दिया गया, जिससे कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी mRNA टीकों के विकास में मदद मिली.