Asteroid on collision course with Earth: आज रात एक छोटे एस्टेरॉयड के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने की संभावना है. वैज्ञानिकों ने इसे उत्तरी साइबेरिया के ऊपर रात 9:45 बजे (भारतीय समयानुसार) टकराने की भविष्यवाणी की है. हालांकि इसमें पांच मिनट का अंतर हो सकता है. लगभग 70 सेंटीमीटर व्यास वाले इस एस्टेरॉयड को धरती पर किसी प्रकार का खतरा पैदा नहीं करने वाला बताया गया है. इसके टकराने से एक अद्भुत ‘आग का गोला’ बनने की उम्मीद है.
यह घटना अंतरिक्ष की गतिविधियों की निगरानी और खतरों से बचाव के महत्व को रेखांकित करती है. इससे पहले 2013 में, रूस के चेल्याबिंस्क के ऊपर एक उल्का पिंड के फटने से काफी नुकसान हुआ था और कई लोग घायल हुए थे. यह घटना अंतरिक्ष में आने वाले खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हुई.
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह छोटा एस्टेरॉयड वायुमंडल में प्रवेश करते ही जलकर नष्ट हो जाएगा. ऐसे छोटे खगोलीय पिंड वायुमंडल की तीव्र गर्मी को सहन नहीं कर पाते और पृथ्वी की सतह तक पहुंचने से पहले ही जल जाते हैं. इससे न केवल धरती पर किसी नुकसान की संभावना समाप्त हो जाती है, बल्कि यह एक रोशनी से भरे अद्भुत खगोलीय नजारे का कारण बनता है.
नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) जैसी अंतरिक्ष एजेंसियां लगातार पृथ्वी के पास आने वाले एस्टेरॉयड पर नजर रख रही हैं. नई तकनीकों के जरिए इन पिंडों के पथ का सटीक अनुमान लगाया जा रहा है. यह भविष्य में संभावित खतरों का आकलन करने और बड़े एस्टेरॉयड से बचाव की रणनीति विकसित करने में मददगार है.
आज रात, उत्तरी साइबेरिया के आसमान में यह घटना देखने लायक होगी. यह न केवल वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का अवसर है, बल्कि खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी एक रोमांचक अनुभव होगा. हालांकि यह घटना धरती के लिए खतरा नहीं है, लेकिन यह हमें ब्रह्मांड की गतिशीलता और संभावित खतरों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत की याद दिलाती है.