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किसके पास है काबा में घुसने की Golden Key, जानें क्या है प्रवेश को लेकर नियम

Golden Key of Kaba:  काबा इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल है, जो सऊदी अरब के मक्का शहर में स्थित एक घनाकार (क्यूब के आकार की) इमारत है. इसे खान-ए-काबा भी कहा जाता है.

Vineet Kumar

Golden Key of Kaba:  काबा इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल है, जो सऊदी अरब के मक्का शहर में स्थित एक घनाकार (क्यूब के आकार की) इमारत है. इसे खान-ए-काबा भी कहा जाता है. यह ईंटों से बना है और एक काले रेशमी कपड़े से ढका हुआ है, जिसे किस्वा कहा जाता है. किस्वा के ऊपरी हिस्से में एक सुनहरी पट्टी होती है, जिसमें कुरान के आयतों को लिखा गया है.

कैसे हुआ था काबा का निर्माण

काबा का इतिहास सदियों पुराना है. इस्लामी मान्यता के अनुसार, इसे पैगंबर इब्राहीम (अ.स.) और उनके बेटे इस्माईल (अ.स.) ने मिलकर बनाया था. कहा जाता है कि यह इब्राहीम का मंदिर था, जिसे उन्होंने एक ही ईश्वर की पूजा के लिए बनाया था. मुसलमानों के लिए काबा का बहुत अहम है. वे इसे क़िबला कहते हैं, यानी वह दिशा जिस ओर वे नमाज पढ़ते हैं. दुनिया भर के मुसलमान हर साल हज के लिए मक्का आते हैं, जो काबा की परिक्रमा करने और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को करने का एक तीर्थयात्रा है.

भाईचारे का प्रतीक है काबा

काबा का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं है, बल्कि यह इस्लामी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है. यह एकता और भाईचारे का प्रतीक है, क्योंकि दुनिया भर के मुसलमान इस एक ही स्थान की ओर मुंह करके इबादत करते हैं. 

काबा में प्रवेश करने के लिए जरूरी है Golden Key

काबा की Golden Key का संरक्षण मकामी इब्राहिम परिवार के पास है. ये वंश पैगंबर इब्राहिम (अलैहिस्सलाम) के समय से ही इस पवित्र स्थान की देखभाल करता आया है. इस परिवार के मुखिया को "गद्देन-ए-काबा" यानी काबा के संरक्षक की उपाधि दी जाती है, और उन्हीं के पास Golden Key की जिम्मेदारी होती है.

कौन खोल सकता है काबा का दरवाजा

काबा का दरवाजा खोलने का सम्मान गद्देन-ए-काबा को ही प्राप्त होता है. हर रोज सुबह और शाम की नमाज से पहले वो Golden Key से काबा खोलते हैं और नमाज के बाद बंद कर देते हैं. सऊदी राजा के लिए भी, काबा में Golden Key के साथ प्रवेश करने के लिए सख्त नियमों का पालन करना जरूरी है. भले ही वो इस पवित्र स्थान के संरक्षक माने जाते हैं, पर वो किसी विशेषाधिकार से ऊपर नहीं हैं. 

काबा से जुड़ी कुछ अहम और जरूरी बातें

  • ये सच नहीं है कि राजा वास्तव में Golden Key से काबा का दरवाजा खोलते हैं. Key केवल प्रतीकात्मक है, जो पैगंबर मुहम्मद के वंश को सौंपे गए संरक्षण के सम्मान और जिम्मेदारी को दर्शाती है.
  • काबा और मस्जिद-ए-हराम की देखरेख अल-शेख परिवार के पास है, जो पैगंबर मुहम्मद से अपना वंश चलाते हैं. इस परिवार के मुखिया को "सदाना" कहा जाता है, और उन्हीं के पास Golden Key का प्रतीकात्मक अधिकार है. हालांकि, सिर्फ सदाना ही काबा में प्रवेश नहीं कर सकते.
  • सदाना सहित किसी भी व्यक्ति के लिए काबा में प्रवेश करने के लिए विशिष्ट प्रोटोकॉल और अनुष्ठानों का पालन करना जरूरी है. इसमें शामिल हैं:
  • काबा में प्रवेश करने से पहले राजा को भी, किसी अन्य मुसलमान की तरह, इहराम की स्थिति में होना चाहिए. ये एक विशेष पहनावा और कुछ पाबंदियों के बाद हासिल होने वाली पवित्र अवस्था है.
  • काबा के अंदर पूरी तरह से सम्मान और पवित्रता कायम रखना जरूरी है. इसमें शांत रहना, सांसारिक बातचीत से बचना और प्रार्थनाओं और दुआओं पर ध्यान देना शामिल है.
  • काबा के दरवाजे को खोलने और बंद करने की वास्तविक प्रक्रिया में विशिष्ट अनुष्ठान और विभिन्न अधिकारियों की भागीदारी होती है. सदाना अकेले ये रिवाज नहीं करते हैं.

काबा में कौन जा सकता है?

हर मुसलमान जो शारीरिक और आर्थिक रूप से जरूरी शर्तें पूरी करता है, वह काबा का दर्शन कर सकता है. इसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान अधिकार हैं. हालांकि, गैर-मुस्लिमों को आम तौर पर मक्का में प्रवेश की अनुमति नहीं है.

काबा में प्रवेश करने के नियम:

  • काबा प्रवेश के लिए इस्लाम की मूलभूत मान्यताओं और प्रथाओं को स्वीकार करना अनिवार्य है. इसमें शुद्धिकरण की प्रक्रिया (इहराम) का पालन भी शामिल है.
  • काबा तक पहुंचने में शारीरिक कठिनाइयां हो सकती हैं. इसलिए जरूरी है कि आने वाला व्यक्ति शारीरिक रूप से फिट हो.
  • हज या उमरा की यात्रा में काफी खर्च होता है. इसलिए जरूरी है कि यात्री के पास यात्रा और रहने-खाने का खर्च उठाने की क्षमता हो.
  • काबा दर्शन के लिए सऊदी अरब की जरूरी वीजा प्राप्त करना अनिवार्य है.

ये प्रवेश से जुड़े कुछ मुख्य नियम हैं और इसमें कुछ और अनुष्ठान भी शामिल हो सकते हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. काबा दर्शन किसी मुसलमान के लिए जिंदगी का एक पवित्र अनुभव होता है. इसलिए प्रवेश से जुड़े नियमों का सम्मानपूर्वक पालन करना बहुत जरूरी है.

ये याद रखना जरूरी है कि काबा के अंदर ध्यान किसी एक व्यक्ति के विशेषाधिकार पर नहीं, बल्कि काबा के आध्यात्मिक महत्व और सभी मुसलमानों के लिए उसके महत्व पर होना चाहिए. Golden Key इस कर्तव्य की याद दिलाती है और सभी मुसलमानों के लिए काबा की पवित्रता बनाए रखने की अहमियत को बयां करती है.