Ayodhya Ke Ram : रामलला के दीदार को अयोध्या आएं तो इन जगहों पर जरूर जाएं

Ayodhya : राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद हर कोई रामलला के दीदार के लिए उत्साहित है. ऐसे में लोग अयोध्या की ट्रिप प्लान कर रहे हैं. अगर आप अयोध्या आ रहे हैं तो आपको राम मंदिर के अलावा इस नगरी इन खास जगहों पर भी जाना चाहिए. 

Mohit Tiwari

Ayodhya : प्रभु श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हो रहा है. ऐसे में अभी बीती 22 जनवरी को रामलला के बाल स्वरूप के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस आयोजन के बाद से ही देश-विदेश से लोग रामलला की एक झलक पाने को उत्साहित हैं. अधिकतर लोग अयोध्या के लिए ट्रिप प्लान कर रहे हैं. 

शास्त्रों के अनुसार, अयोध्या नगरी प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली है. यहां के कण-कण में राम निवास करते हैं. ऐसे में अगर आप रामलला के दीदार को अयोध्या आना चाहते हैं तो आपको इन जगहों पर भी अवश्य ही जाना चाहिए. 

हनुमान गढ़ी

प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान की भक्ति के बिना किसी को भी रामकृपा नहीं प्राप्त हो सकती है. भगवान हनुमान के रोम-रोम में प्रभु श्रीराम समाए हुए हैं. ऐसे में अगर आप अयोध्या आते हैं तो रामलला के दर्शन के बाद आपको हनुमान गढ़ी दर्शन करने जरूर जाना चाहिए. यहां प्रभु हनुमान स्वयं विराजमान हैं और अपने प्रभु राम में लीन हैं. 

कनक भवन मंदिर

अयोध्या के इस मंदिर में आपको भगवान राम की विशेषताओं के दर्शन होंगे. इस मंदिर की मूर्तियों को स्वर्णिंम चित्रकारी से सजाया गया है. कनक भवन मंदिर में भगवान श्रीराम और माता सीता भी विराजमान हैं. इस कारण यहां प्रभु के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है.

सरयू घाट

प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या सरयू नदी के तट पर स्थित है. यह काफी पवित्र नदी है. इस कारण इस घाट के दर्शन आपको अवश्य करने चाहिए. यहां का मनोरम नजारा आपका अवश्य ही मन मोह लेगा. यहां पर स्नान तन और मन दोनों को पवित्रता प्रदान करने वाला माना जाता है. 

सीता  की रसोई

सीता रसोई, श्रीराम जन्मस्थान के उत्तर-पश्चिम की तरफ स्थित एक मंदिर है. इसे अब रसोई में तब्दील कर दिया गया है. माता सीता को अन्न की देवी, अन्नपूर्णा भी कहा गया है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण किया गया है. यहां भगवान श्रीराम और माता सीता व प्रभु राम के भाई व उनकी पत्नियां सभी की मूर्तियां हैं. 

तुलसी स्मारक भवन

गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में इसको बनवाया गया था. यहां पर एक अनुसंधान केंद्र और पुस्तकालय भी स्थित है. पुस्तकालय में आपको हर तरह की किताबें देखने और पढ़ने के लिए मिल जाएगी.