टाइप 2 डायबटीज एक ऐसी कंडीशन है जो बॉडी में इंसुलिन का ठीक से इस्तेमाल नहीं करता है और धीरे-धीरे पर्याप्त इंसुलिन बनाने की क्षमता खो देता है. इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को कंट्रोल करता है. टाइप 2 डायबटीज में बॉडी सेल्स ठीक तरह से इंसुलिन को रिस्पॉन्ड नहीं करते हैं. इससे ब्लड में ग्लूकोज बना रहता है और यह ज्यादा हो जाता है. इसे हाइपरग्लाइकेमिया भी कहा जाता है.
टाइप 2 डायबटीज के लक्षण:
बहुत ज्यादा प्यास लगना
ज्यादा पेशाब होना
थका हुआ महसूस करना
ज्यादा भूख लगना
चोट जल्दी ठीक न होना
टाइप 2 डायबटीज के कारण:
परिवार में किसी को पहले से यह बीमारी होना
ज्यादा वजन या मोटा होना, कमर के आस-पास ज्यादा वजन होना
फिजिकल एक्टिविटी का कम होना
कम खाना
55 वर्ष से ज्यादा उम्र होना
टाइप 2 डायबटीज को कैसे किया जा सकता है ठीक:
टाइप 2 डायबटीज को लाइफस्टाइल में चेंज कर ठीक किया जा सकता है. हालांकि, मेडिसिन भी उतनी ही जरूरी होती हैं जिन्हें आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं. लाइफस्टाइल में बदलाव करना बेहद जरूरी है. एक हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए आप अपनी डाइट को सही कर सकते हैं. डाइट सही होने से आपकी कई परेशानियां ठीक हो जाती हैं.
इसके अलावा आपको फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देना होगा. एक्सरसाइज करना और जॉगिंग करने को आप अपनी दिनचर्या में शामिल करें. अगर आप ओवरवेट हैं तो आपको वजन कम करने पर ध्यान देना होगा. अगर आप सिगरेट पीते हैं तो आपको सिगरेट छोड़ देनी होगी. इससे आपको काफी फर्क दिखाई देगा. सिर्फ सिगरेट ही नहीं बल्कि आपको एल्कोहल पीना भी कम करना होगा.
ये सब तो एक अच्छे लाइफस्टाइल के लिए जरूरी है और इससे टाइप 2 डायबटीज में भी मदद मिलेगा. लेकिन आपको इसके लिए डॉक्टर के पास जरूर जाना होगा और उनके कहे मुताबिक, मेडिसिन लेनी होगी और डाइट फॉलो करनी होगी.