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कूलिंग ब्लैंकेट क्या हैं, क्या वे सचमुच सोने में मदद कर सकते हैं? स्टडी में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

यदि आप गर्म रातों में करवटें बदलते हुए थक चुके हैं और सोशल मीडिया पर प्रशंसात्मक समीक्षाएं पढ़ने के बाद कूलिंग ब्लैंकेट (ठंडा कंबल) खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि क्या ये वास्तव में काम करते हैं.

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Edited By: Garima Singh
cooling blanket
Courtesy: x

सिडनी, 4 फरवरी : यदि आप गर्म रातों में करवटें बदलते हुए थक चुके हैं और सोशल मीडिया पर प्रशंसात्मक समीक्षाएं पढ़ने के बाद कूलिंग ब्लैंकेट (ठंडा कंबल) खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि क्या ये वास्तव में काम करते हैं.

नींद की गुणवत्ता में शरीर का आंतरिक तापमान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सोने से कुछ घंटे पहले शरीर का तापमान लगभग 0.31°C कम हो जाता है. रात के दौरान यह 2°C तक गिरता है, जिससे गहरी और आरामदायक नींद आती है. यदि वातावरण बहुत गर्म होता है, तो शरीर सेंसर के माध्यम से इसका संकेत देता है, जिससे जागने की संभावना बढ़ जाती है. नींद के लिए आदर्श तापमान 17°C से 28°C के बीच होता है. इस सीमा के भीतर रहने से नींद की गुणवत्ता बनी रहती है.

क्या हैं ठंडे कंबल?

ठंडे कंबल ऐसे विशेष डिज़ाइन वाले उत्पाद हैं, जो सोते समय शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. इनमें सांस लेने योग्य, हल्की और नमी सोखने वाली सामग्री होती है. सामान्य कपड़ों की तरह दिखने वाले इन कंबलों में कपास, बांस, रेशम और फाइबर लियोसेल जैसी सामग्रियां होती हैं. ये नमी को अवशोषित करते हैं और रातभर शरीर को ठंडा बनाए रखते हैं.

क्या ये वाकई असरदार हैं?

ऑनलाइन समीक्षाओं के अनुसार, ठंडे कंबल गर्मियों में बेहतर नींद दिलाने में मदद कर सकते हैं. हालांकि, इस पर बहुत कम वैज्ञानिक शोध उपलब्ध हैं. 2021 के एक अध्ययन में, 20 प्रतिभागियों को दो स्थितियों में सुलाया गया. वातानुकूलित कमरे में सामान्य चादरों के साथ. ठंडी चादरों के साथ, जहां तापमान 3°C अधिक था.
परिणामों से पता चला कि प्रतिभागियों ने ठंडी चादरों वाले गर्म कमरे में अधिक अच्छी नींद का अनुभव किया. इससे संकेत मिलता है कि ठंडे कंबल का उपयोग आरामदायक नींद में सहायक हो सकता है.

ठंडे कंबल एक अच्छा विकल्प

यदि आपको रात में अधिक गर्मी लगती है, तो ठंडे कंबल एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। हालांकि, वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी को देखते हुए, यह पूरी तरह से व्यक्तिगत अनुभव पर निर्भर करता है.