Cervical Cancer Treatment: सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन राहत की बात यह है कि इसको जड़ से खत्म किया जा सकता है. इसके साथ ही इससे बचाव भी किया जा सकता है. महिलाओं में होने वाले कैंसर में यह सबसे आम है. जागरूकता की कमी के चलते हर साल करीब हजारों महिलाएं इस कैंसर से अपनी जान गंवा देती हैं. इस कैंसर की शुरुआत गर्भाशय ग्रीवा से होती है. इस कैंसर को गर्भाशय ग्रीवा या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर के नाम से जाना जाता है.
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के नीचे वाले भाग में एक ट्यूमर होता है. यह गर्भाशय के निचले भाग से शुरू होता है और ऊपरी वेजाइना तक जाता है. ज्यादातर ये कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है.
Hpv वायरस एक समूह है, जिसमें 100 से भी ज्यादा प्रकार के वायरस होते हैं. यह वेजाइनल एरिया को प्रभावित करते हैं. इनमें से भी करीब 14 प्रकार के कैंसर पैदा करने वाले वायरस होते हैं. इनको हाई रिस्क एचपीवी श्रेणी में रखा गया है. इनमें से कुछ वायरस सर्वाइकल घावों और कुछ सर्वाइकल कैंसर के कारण बनते हैं.
यह कैंसर कई कारणों से होता है. अगर एचपीवी वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध रखने से यह वायरस फैलता है. इसके साथ ही वे महिलाएं, जो एक से ज्यादा पार्टनर्स के यौन संबंध बनाती हैं, उनमें इसका रिस्क काफी अधिक होता है. इसके अलावा इसके और भी कारण हैं.
1- जो महिलाएं दो या तीन से ज्यादा बच्चों को जन्म दे चुकी होती हैं, उनमें इसका खतरा काफी अधिक होता है.
2- ज्यादा समय तक गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग करने से भी इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
3- सिफलिस, गोनोरिया, या क्लैमाइडिया आदि रोगों से संक्रमित महिलाओं में भी इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
4- धूम्रपान और तनाव ज्यादा लेने से भी इसका खतरा बढ़ता है.
सर्वाइकल कैंसर होने पर शुरुआत में तो कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन समय के साथ-साथ यह रोग गंभीर होने लगता है. इसके साथ ही इसके कई सारे लक्षण दिखने लगते हैं.
इनमें से कुछ लक्षण जैसे पैरों में सूजन का आना, संभोग के दौरान दर्द महसूस करना, पीरियड्स का अनियमित आना, ज्यादा रक्तस्त्राव होना, यूरिन के पास होने में परेशानी का होना, किडनी फेलियर, वजन का कम होना, भूख में कमी आना, बेवजह थकान होना और हड्डियों दर्द रहना आदि दिखने लगते हैं.
जागरूकता की कमी के कारण सर्वाइकल कैंसर का इलाज नहीं हो पाता है, लेकिन इसको पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है. डॉक्टर्स की मानें तो अगर 90 प्रतिशत लड़कियों को इसकी वैक्सीन लगाई जाए. इसके साथ ही 70 प्रतिशत महिलाओं की जांच की जाए. इसके अलावा अगर 90 प्रतिशत सर्वाइकल की समस्या से पीड़ित महिलाओं को समय से उपचार मिल जाए तो इस कैंसर का से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है और इसको पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है.
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