सेहत के लिए शानदार है सरसों का साग, इन 6 बीमारियों को करता है दूर
Sarson Ka Saag: अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं तो सर्दियों के मौसम में सरसों के साग का सेवन अवश्य करें. यह आपकी स्किन से लेकर सेहत तक के लिए फायदेमंद होता है.
Sarson Ka Saag: सर्दी आते ही सरसों का साग और मक्के की रोटी की याद अपने आप ही आ जाती है. सर्दियों में यह खाना अधिकतर सभी की पसंद होता है. सरसों का साग स्वाद में तो अच्छा होता ही है. इसके साथ ही यह आपकी सेहत और स्किन के लिए भी काफी शानदार होता है. इसका सेवन आपको कई प्रकार की बीमारियों से बचाकर रखता है.
सरसों के साग में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और कई सारे विटामिन्स पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद भी माने जाते हैं. इस कारण इसको खाने से आप हेल्दी रहते हैं. आइए जानते हैं कि सरसों का साग खाने से आपको क्या फायदे मिलते हैं.
1- हेल्दी रहता है हार्ट- सरसों के साग में फोलेट अच्छी मात्रा में पाया जाता है. जो हार्ट की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है.
2- वजन कम करे- सरसों के साग में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इस कारण इसको खाने से मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है. इस कारण यह वजन करने में सहायक होता है.
3- फेफड़ों के लिए है फायदेमंद- यह साग फेफड़ों को स्वस्थ रखने में भी काफी मददगार होता है. इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है. इस कारण इसका सेवन फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए लाभकारी होता है.
4- हड्डियों के लिए है लाभदायक- सरसों के साग में कैल्शियम और पोटेशियम काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इस कारण इसका सेवन हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है.
5- पाचन शक्ति होती है मजबूत- सरसों के साग में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इस कारण यह पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है. इस कारण सर्दियों के मौसम में सरसों के साग का सेवन अवश्य करना चाहिए.
6- विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकाले- सरसों के साग में सल्फर और एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. इस कारण यह टॉक्सिक पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं. इससे आप कई खतरनाक बीमारियों से बच सकते हैं.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.