Vitamin D deficiency is ruining people physical intimate life: आजकल की जिंदगी में कई लोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) का सामना कर रहे हैं, और अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसका एक कारण शायद आपका विटामिन D की कमी हो सकता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि विटामिन D की कमी न केवल हमारी हड्डियों और इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है, बल्कि यह हमारी सेक्स लाइफ को भी प्रभावित कर सकती है.
विटामिन D की कमी के कारण पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) यानी सेक्सुअल शक्ति में कमी आ सकती है. इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी समस्या है, जिसमें पुरुषों को अपनी इरेक्शन को बनाए रखने में कठिनाई होती है. यह समस्या कभी-कभी होती है, लेकिन जब यह नियमित हो जाए तो यह एक मेडिकल समस्या बन सकती है, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे हृदय रोग, डायबिटीज, स्ट्रेस और अब विटामिन D की कमी.
ब्रिटिश जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन D की कमी से इरेक्टाइल फंक्शन पर बुरा असर पड़ता है. इस अध्ययन में यह पाया गया कि विटामिन D की कमी से न केवल हड्डियों और इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है, बल्कि यह सेक्सुअल परफॉर्मेंस को भी खराब कर सकता है.
रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
इस अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने मानव और लैब जानवरों के पेनाइल टिश्यू का विश्लेषण किया और पाया कि विटामिन D की कमी से इरेक्टाइल फंक्शन पर प्रतिकूल असर पड़ता है. विटामिन D की कमी वाले चूहों में पेनाइल टिश्यू में 40% अधिक कॉलाजेन डिपॉज़िट्स पाए गए, जो कि फाइब्रोसिस का संकेत है. इससे पेनाइल टिश्यू सख्त हो जाता है और यह इरेक्शन को ट्रिगर करने वाले संकेतों पर कम प्रतिक्रिया करता है.
मनुष्यों में भी, शोधकर्ताओं ने उन लोगों के पेनाइल टिश्यू का अध्ययन किया जिनमें विटामिन D का स्तर कम था. इन लोगों में नर्व स्टिमुलेशन पर कम प्रतिक्रिया और पेनाइल ब्लड वेसल्स के रिलैक्स होने की क्षमता कम पाई गई. खास बात यह थी कि विटामिन D की कमी से PDE5i जैसे ड्रग्स (जैसे कि वियाग्रा) की प्रभावशीलता भी कम हो गई, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं.
विटामिन D और सेक्सुअल हेल्थ
विटामिन D के रिसेप्टर्स पेनाइल स्मूथ मसल्स में होते हैं, जो इरेक्टाइल फंक्शन के लिए महत्वपूर्ण हैं. जिन माउस में विटामिन D के रिसेप्टर्स नहीं थे, उनकी इरेक्टाइल प्रतिक्रिया बहुत कमजोर पाई गई और PDE5i ड्रग्स भी प्रभावी नहीं थे. इसके अलावा, विटामिन D की कमी से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे शरीर में नुकसानदायक फ्री रेडिकल्स का स्तर बढ़ जाता है और यह नाइट्रिक ऑक्साइड सिग्नलिंग को प्रभावित करता है, जो रक्त वाहिकाओं के रिलैक्सेशन के लिए आवश्यक है.
भारत में विटामिन D की कमी
भारत में भी विटामिन D की कमी एक गंभीर समस्या बन चुकी है. भारतीय काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनॉमिक रिलेशंस (ICRIER) के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में एक पांचवां आदमी गंभीर रूप से विटामिन D की कमी से प्रभावित है. पूर्वी भारत में विटामिन D की कमी की दर 38.81% तक पहुंच चुकी है. एक और अध्ययन में यह पाया गया कि भारत में 25% पुरुषों को 30 साल से कम उम्र में भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन का सामना करना पड़ रहा है, जो कि एक चिंता का विषय है.