सर्दी के मौसम में रूम हीटर एक अनिवार्य वस्तु बन जाती है. जब तापमान गिरता है, तो लोग अपनी सेहत और आराम के लिए इन हीटरों पर निर्भर हो जाते हैं. रूम हीटर न केवल ठंड को दूर करते हैं, बल्कि ठंडी हवाओं से बचने के लिए एक आरामदायक वातावरण भी बनाते हैं. हालांकि, इनका बढ़ता हुआ इस्तेमाल स्वास्थ्य और पर्यावरण पर कई तरह के नकारात्मक असर डाल सकता है. बाजार में कई प्रकार के रूम हीटर उपलब्ध हैं, जिनमें से हर एक का अलग उद्देश्य और प्रभाव है. आइए जानते हैं रूम हीटर के विभिन्न प्रकार, उनके फायदे और नुकसान के बारे में-
हैलोजन हीटर इनफ्रारेड रेडिएशन का इस्तेमाल करते हैं, जो तेजी से गर्मी प्रदान करता है. ये छोटे आकार के होते हैं और जल्दी गर्म होते हैं. इनका उपयोग छोटे कमरों में किया जाता है और ये कम बिजली खर्च करते हैं. हालांकि, इनकी गर्मी सीधे शरीर पर असर डालती है, जिससे लंबी अवधि तक इनके इस्तेमाल से त्वचा सूख सकती है.
यह हीटर गरम तारों के माध्यम से काम करते हैं. यह हवा को गर्म करने के बजाय सीधे ही कमरे को गर्म करते हैं. हालांकि, यह बहुत ऊर्जा खपत करने वाले होते हैं और कमरे की हवा में नमी को भी कम कर सकते हैं, जिससे गले और त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं.
ब्लोअर हीटर हवा को गर्म करके कमरे में फैलाते हैं. ये कम जगह में अच्छी गर्मी देने के लिए लोकप्रिय होते हैं. हालांकि, इनसे निकलने वाली हवा में धूल और अन्य एलर्जी तत्व भी उड़ सकते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है.
OFR हीटर तेल के साथ काम करते हैं और लंबे समय तक गर्मी प्रदान करते हैं. यह हवा को सूखा नहीं करते, जिससे त्वचा और गले पर कम असर पड़ता है. हालांकि, इनका आकार बड़ा होता है और ये बिजली की अधिक खपत करते हैं.
रूम हीटर कमरे को तुरंत गर्म कर देते हैं, जिससे सर्दी में आराम मिलती है. यह खासकर तब उपयोगी होता है जब तापमान अचानक गिर जाए.
कुछ हीटर जैसे हैलोजन और ब्लोअर कम बिजली का उपयोग करते हैं, जिससे ऊर्जा की खपत कम होती है और बिजली का बिल भी नियंत्रित रहता है.
यदि सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो रूम हीटर बहुत सुरक्षित होते हैं. अधिकांश हीटरों में ऑटो शट-ऑफ फीचर होता है, जो अधिक गर्मी या ओवरहीटिंग की स्थिति में हीटर को बंद कर देता है.
लगातार रूम हीटर का उपयोग कमरे में ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर सकता है, जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है. विशेष रूप से यदि कमरे में वेंटिलेशन ठीक से न हो, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है. इसके कारण सिरदर्द, चक्कर आना, और सांस संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.