UPSC Aspirant Disease: UPSC कर रहे 21 साल के एक स्टूडेंट को पॉयलोनिडल साइनस नामक बीमारी का पता चला है. पॉयलोनिडल साइनस बीमारी सेकेंड व्ल्ड वॉर के दौरान पहली बार फैली थी. उस दौरान सैनिकों को यह बीमारी हुई थी. इस कंडीशन को बहुत दर्दनाक बताया जाता है. छात्र का इलाज सर गंगाराम अस्पताल में किया गया है. आइए इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं.
पॉयलोनिडल साइनस एक बेहद दर्दनाक स्थिती बताई जाती है. इस कंडीशन में स्किन के नीचे कई टूटें बालों की इक्ट्टे होने की वजह से टेलबोन के पास बार-बार मवाद (pus) बनने की समस्या हो जाती है. इस बीमारी को जीपर्स बाटम के नाम से भी पहचाना जाता है.
अस्पताल के लेप्रोस्कोपिक और लेजर सर्जरी डिपार्टमेंट के तरुण मित्तल ने बताया कि स्टूडेंट को यह बीमारी लाइब्रेरी की कुर्सियों पर घंटों बैठकर पढ़ाई करने की वजह हुई है. जिसके बाद उसे नितंब की दरार में दर्द होने वाली सूजन महसूस होने लगी. मवाद के बढ़ने की वजह से छात्र को बहुत दर्द होने लगा जिससे उसकी हालत बहुत खराब होने लगी और उसे बिस्तर पर जाना पड़ा. डॉक्टर ने सर्जरी के लिए ईपीएसआइटी (एंडोस्कोपिक पिलोनिडल साइनस ट्रैक्ट एब्लेशन सर्जरी) का ऑप्शन चुना है.
डॉक्टर ने बताया कि छात्र की सर्जरी में करीब 30 मिनट का समय लगा था. इस सर्जरी में सभी बाल और मलबे को हटाने के बाद पूरे पथ को जला दिया जाता है. इसके लिए एक काटरी डाली जाती है. इसके बाद पथ को अच्छे से ठीक करने के लिए ब्रश का इस्तेमाल किया जाता है.