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दशहरी से चौसा और अल्फांसों से लंगड़ा तक..., जानिए आम के मामले में कितना धनी है भारत

Mangoes in India: भारत में आम की हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं. कुछ आम ऐसे भी हैं जिनकी चर्चा विदेश में भी फैली है और उन्हें दूसरे देशों में भेजा भी जाता है.

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Edited By: India Daily Live
Mango
Courtesy: Social Media

गर्मी का आम से गहरा रिश्ता है. गर्मी का मौसम आते ही लोग आम की कई किस्मों की तलाश करने लगते हैं. अलग-अलग नामों से मिलने वाला आम अपनी बनावट के साथ-साथ स्वाद में भी विशिष्टता रखता है. विश्व भर में आम की 1500 से अधिक किस्में पाई जाती है. भारत अकेले आम की 1000 से अधिक किस्में उगाता है. आइए जानते हैं आम की कुछ प्रसिद्ध किस्मों के बारे में, जो अपनी बनावट, खुशबू और स्वाद के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं.

भारत में आने वाले आम अलग-अलग समय पर आते हैं. उदाहरण के लिए एक आम बाजार में आता है, उसे लोग खाते हैं और वह कुछ दिनों में बाजार से गायब भी हो जाता है. इसकी वजह होता है मौसम. कुछ आम भीषण गर्मी में पकते हैं तो कुछ को बारिश की फुहार की जरूरत होती है. कुछ ऐसे भी आम होते हैं जो गर्मी की शुरुआत में ही तैयार हो जाते हैं और सबसे पहले बाजार में यही पहुंचते हैं.

(1) अल्फांसो आम- इसे हापुस आम के नाम से भी जाना जाता है. इसका नाम पुर्तगाली जनरल अल्फांसो डी अल्बुकर्क के नाम पर पड़ा. इसे आमों का राजा भी कहा जाता है. इसे भारत में महाराष्ट्र के रत्नागिरी और देवगढ़ क्षेत्र मे उगाया जाता है. अल्फांसो आम का गूदा नरम और रस से भरपूर होता है. अपने स्वाद, सुगंध और रंग के अलावा यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है. अपनी इसी खासियत की वजह से पिछले कुछ सालों से अल्फांसो आम की लोकप्रियता विश्वभर में काफी बढ़ी है. 

(2) तोतापुरी आम- अपनी बनावट और रंग से यह तोते की चोंच की तरह दिखाई देता है. जिसके कारण इस किस्म को तोतापुरी आम कहते हैं. रंग में हरा और स्वाद में हल्का मीठा वाला यह किस्म कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पाई जाती हैं. कम मीठा होने के कारण इसे सलाद और अचार में उपयोग किया जाता है.

(3) दशहरी आम- आम की इस प्रजाति का नाम लखनऊ के दशहरी गांव से पड़ा. दशहरी आम आकार में छोटा एवं मीडियम होता है. इस आम का निचला भाग नुकीला और छिलका बहुत पतला होता है. इस किस्म का आम पकने पर सुनहरे रंग का हो जाता है. इस किस्म में गुठली से ज्यादा पल्प होता है जो इसे खास बनाता है.

(4) चौसा आम- यह किस्म उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है. कहा जाता है कि 16वीं सदी में शेरशाह सूरी ने इस आम से लोगों का परिचय करवाया था. यह आम स्वाद में बहुत मीठा होता है और चमकदार पीले रंग का होता है.

(5) लंगड़ा आम - यह आम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बनारस का है जिसके चलते इसे बनारसी लंगड़ा आम भी कहते हैं. लाजवाब सुगंध, पतला छिलका होने के साथ इसमें रेशा न के बराबर होता है. साथ ही लंगड़ा आम पतली गुठली और रसदार गूदे से भरपूर होता है.  

(6) केसर आम- यह आम की सबसे महंगी किस्म है. यह गुजरात और अहमदाबाद में ज्यादा मिलता है. यह किस्म अपनी केसर जैसी महक के लिए प्रसिद्ध है.
 
(7) सफेदा आम -सफेदा आम को बंगनपल्ली आम के नाम से भी जाना जाता है. इस आम का छिल्का पतला और रंग में पीला होता है. इस आम में काफी रेशा होता है. 

(8) बादामी आम- इस आम को कर्नाटक का अल्फांसो भी कहते हैं. यह विशेष रूप से कर्नाटक में ही पाया जाता है. कम रेशे की वजह से इस आम का इस्तेमाल जूस बनाने में ज्यादा होता है. 

(9) बीजू आम- यह आम विशेष रूप से झारखंड मे पाया जाता है. इसे झारखंड की पहचान भी कहते हैं. स्वाद में यह खट्टा होता है. इस आम से अमचुर, अमावट और अचार बनाया जाता है. 

(10) हिमसागर आम- हिम सागर आम पश्चिम बंगाल और ओडिशा में पैदा होता है. इसका छिलका हरे रंग और पल्प पीले रंग का होता है. यह स्वाद में बहुत मीठा होता है. इसके पल्प से मिठाई और शेक बनाया जाता है. इसका वजन लगभग 250 से 300 ग्राम होता है.