Purple Island: खूबसूरती देख होता है दूसरे ग्रह का एहसास, कुदरत का खजाना है 'पर्पल आइलैंड्स' का इतिहास
Purple Island: दुनिया भर में कई द्वीप हैं लेकिन पर्पल आइलैंड्स उन बेहतरीन स्थानों में शामिल हैं जिसे देख ऐसा लगता है कि आप पृथ्वी पर नहीं बल्कि किसी दूसरे ग्रह पर हैं. कुदरत के खजाने से भरपूर पर्पल आइलैंड्स दक्षिण कोरिया के बानवोलडो और बक्जिदो के द्वीप हैं जिन्हें बैंगनी रंग के पुल से जोड़ा गया है.
Purple Island: दुनिया भर में कई अनोखे और आकर्षक द्वीप हैं, जिनमें से एक पर्पल आइलैंड (Purple Island) भी है. हालांकि, अभी तक किसी एक खास द्वीप को आधिकारिक रूप से "पर्पल आइलैंड" के नाम से नहीं जाना जाता है. यह उपनाम असल में दक्षिण कोरिया के तट पर स्थित बानवोलडो (Banwol-do) और बक्जिदो (Bakji-do) नामक दो खूबसूरत द्वीपों को दिया गया है. इन द्वीपों को एक मनमोहक बैंगनी रंग के पुल से जोड़ा गया है, जो इस एरिया की तस्वीरों में जादुई रंग भर देता है.
जानें धरती पर कहां स्थित हैं पर्पल आइलैंड
बैंगनी रंग के कारण ही इन द्वीपों को "पर्पल आइलैंड" कहा जाता है. लेकिन यह रंग प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता, बल्कि इसे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक सोची-समझी पहल के तहत बनाया गया है. 2015 में, दक्षिण जियोल प्रदेश (South Jeolla Province) के प्रशासन ने इन द्वीपों के लगभग 400 भवनों की छतों को हल्के बैंगनी रंग से रंगवाया. साथ ही, पुराने टेलीफोन बूथों और पुल को भी इसी रंग में रंगा गया. इतना ही नहीं, इन द्वीपों पर बैंगनी रंग के फूलों वाले 30,000 से अधिक न्यू इंग्लैंड एस्टर्स (New England Asters) और 230,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में लैवेंडर के खेत भी लगाए गए. इस रंगीन बदलाव ने न केवल पर्यटकों को आकर्षित किया बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया.
बेहद दिलचस्प है पर्पल आइलैंड का इतिहास
हालांकि, "पर्पल आइलैंड" का आकर्षण सिर्फ आधुनिक रंगीन बदलावों तक ही सीमित नहीं है. इन द्वीपों का इतिहास काफी लंबा और दिलचस्प है. कुछ पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व से ही इस क्षेत्र में मानवीय बस्तियाँ रही हैं. यहां तक कि यह भी माना जाता है कि कसदाइ साम्राज्य के समय, लगभग 2000 ईसा पूर्व से 1600 ईसा पूर्व के दौरान, इस द्वीप पर बैंगनी रंग बनाने का एक उद्योग भी फलता-फूलता था. उस समय, एक विशेष प्रकार के सीप से प्राप्त पदार्थों का इस्तेमाल करके बैंगनी रंग बनाया जाता था, जो उस काल में राजाओं और कुलीनों के बीच बेहद लोकप्रिय था.
इतिहास में इन कामों के लिए भी मशहूर रहा है पर्पल आइलैंड
इसके बाद के समय में भी, "पर्पल आइलैंड" विभिन्न एक्टिविटीज का केंद्र रहा. माना जाता है कि सासानियन साम्राज्य (Sassanian Empire) के दौरान, ईसा की तीसरी से सातवीं शताब्दी के बीच, इन द्वीपों का इस्तेमाल मोती निकालने के कामों के लिए टेम्परैरी कैम्प के रूप में किया जाता था. वहीं, बाद के इस्लामी काल में, इन द्वीपों को मछली पकड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा.
टूरिज्म हॉटस्पॉट बन चुका है पर्पल आइलैंड
आज, "पर्पल आइलैंड" टूरिस्ट्स के बीच एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन बन चुका है. यहां आने वाले लोग न सिर्फ शांत वातावरण का आनंद ले सकते हैं, बल्कि कई रोमांचक एक्टिविटीज में भी भाग ले सकते हैं, जैसे कि कयाकिंग, बर्ड वाचिंग, हाइकिंग और कैम्पिंग.
नवंबर से फरवरी के महीनों के बीच, जब मौसम सुहाना होता है, तो यहां आने का सबसे अच्छा समय माना जाता है. हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि अभी तक इन द्वीपों पर कोई होटल या रिसॉर्ट नहीं हैं. इसलिए, यहां आने की योजना बना रहे हैं, तो आपको अपना खाना-पीना और रहने का इंतजाम पहले से ही कर लेना चाहिए.