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भारत की महिलाएं क्यों लगाती हैं बिंदी, इसके पीछे का विज्ञान जान आप भी हो जाएंगें हैरान

Why do Indian women put a bindi: आजकल बिंदी का इस्तेमाल केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में हो रहा है. बॉलीवुड और पॉप संस्कृति ने इसे एक फैशन और शैलियों का प्रतीक बना दिया है. खासकर पश्चिमी देशों में, बिंदी को अब एक खास तरह की संस्कृति और स्पिरिचुअलिटी से जोड़ा जाता है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Science behind Indian women put bindi on their forehead know how it helps health
Courtesy: Social Media

Why do Indian women put a bindi: भारत में महिलाएं बिंदी का इस्तेमाल बहुत पुराने समय से करती आई हैं, और यह केवल एक पारंपरिक आभूषण नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण भी छिपे हुए हैं. बिंदी सिर्फ एक रंगीन बिंदु नहीं है, बल्कि यह भारतीय परंपरा, मान्यताओं और स्वास्थ्य लाभों से जुड़ी हुई है. तो आइए, जानते हैं कि महिलाएं बिंदी क्यों पहनती हैं और इसके पीछे का विज्ञान क्या है.

बिंदी का सांस्कृतिक महत्व

बिंदी का इतिहास हजारों साल पुराना है, और यह भारतीय संस्कृति से गहरे तौर पर जुड़ी हुई है. बिंदी का संस्कृत शब्द "बिंदु" से आया है, जिसका मतलब है "बिंदु" या "बिंदु". पारंपरिक रूप से, बिंदी को माथे के बीच में लगाया जाता है, जिसे "आज्ञा चक्र" या "तीसरी आंख" कहा जाता है. इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह स्थान व्यक्ति की अंतर्दृष्टि, ज्ञान और मानसिक शक्ति से जुड़ा हुआ है.

आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व

भारतीय मान्यताओं के अनुसार, बिंदी "तीसरी आंख" का प्रतीक है, जो हमारे अंदर की गहरी सोच और बोध को जागृत करती है. यह बिंदी महिलाओं के आध्यात्मिक जागरण का संकेत है, जो जीवन में संतुलन, शांति और सुख लाने में मदद करती है. बिंदी को अक्सर देवी-देवताओं से जुड़ा माना जाता है, और यह आशीर्वाद, समृद्धि और शुभता का प्रतीक मानी जाती है.

बिंदी और सामाजिक परंपराएं

भारतीय समाज में बिंदी का सामाजिक महत्व भी है. विवाहित महिलाएं आमतौर पर लाल रंग की बिंदी पहनती हैं, जो उनके वैवाहिक स्थिति को दर्शाता है. यह एक तरह से शादी के बंधन का प्रतीक बन चुका है, जैसे पश्चिमी देशों में शादी की अंगूठी होती है. इसके अलावा, बिंदी का रंग और आकार भी विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा होता है.

बिंदी का वैज्ञानिक महत्व

बिंदी का इस्तेमाल केवल सांस्कृतिक या धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं. वेदों में इसे "तिलक" के रूप में किया जाता था, और इसे शरीर के ऊर्जा केंद्रों से जोड़कर देखा जाता था. विशेष रूप से, "आज्ञा चक्र" पर बिंदी लगाने से मानसिक और शारीरिक संतुलन बना रहता है. यह ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाता है, साथ ही मानसिक शांति और ध्यान में भी मदद करता है.

बिंदी लगाने से मिलता है ये लाभ 

बिंदी को माथे पर लगाने से सिरदर्द में राहत मिलती है और साइनस की समस्या भी कम हो सकती है. यह नसों और रक्त प्रवाह को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार सही तरीके से होता है. इसके अलावा, बिंदी को एक हल्के दबाव के रूप में उपयोग करने से आंखों की रोशनी में भी सुधार हो सकता है और याददाश्त भी बेहतर हो सकती है.