Santa Claus: सेंटा क्लॉज, जिन्हें सेंट निकोलस, फादर क्रिसमस, या सिर्फ सेंटा के नाम से भी जाना जाता है, क्रिसमस के उत्सव का एक अहम हिस्सा हैं. बच्चों के लिए सेंटा क्लॉज की छवि किसी जादुई व्यक्तित्व से कम नहीं है, जो हर साल क्रिसमस की रात को गिफ्ट्स लेकर आते हैं.
यह कहानी, हालांकि काल्पनिक है, लेकिन इसका इतिहास और महत्व बहुत गहरा और रोचक है.
सेंटा क्लॉज की उत्पत्ति का संबंध 4वीं शताब्दी के सेंट निकोलस से है. सेंट निकोलस माईरा (अब तुर्की) के एक बिशप थे, जो अपनी दयालुता और जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रसिद्ध थे.कहा जाता है कि उन्होंने चुपचाप गरीब परिवारों को गिफ्ट्स और धन दिया. उनकी इसी परंपरा से सेंटा क्लॉज की अवधारणा उभरी.
16वीं शताब्दी में यूरोप में धार्मिक सुधार के दौरान 'सेंट निकोलस' की कहानी को नया रूप दिया गया. नीदरलैंड्स में, उन्हें 'सिंटरक्लास' के नाम से जाना गया, जो अमेरिका पहुंचने के बाद 'सेंटा क्लॉज' बन गया. 19वीं और 20वीं शताब्दी में सेंटा क्लॉज का आधुनिक रूप, जिसमें वे लाल और सफेद कपड़े पहनते हैं, लोकप्रिय हुआ.
सेंटा क्लॉज को आमतौर पर एक मोटे, खुशमिजाज व्यक्ति के रूप में दिखाया जाता है, जिनके लंबे सफेद दाढ़ी और लाल कपड़े होते हैं. वे अपने जादुई स्लेज पर चलते हैं, जिसे उड़ने वाले हिरण खींचते हैं. बच्चों का मानना है कि सेंटा क्रिसमस की रात को चिमनी के रास्ते घरों में आते हैं और उनके द्वारा लटके स्टॉकिंग्स में गिफ्ट्स और टॉफ़ी डालते हैं.
सेंटा क्लॉज सिर्फ गिफ्ट देने वाले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वे प्रेम, दया, और उदारता के प्रतीक हैं. उनकी कहानी हमें सिखाती है कि खुशी सिर्फ लेने में नहीं, बल्कि देने में है. क्रिसमस पर सेंटा क्लॉज की परंपरा परिवार और बच्चों के बीच खुशी और आपसी जुड़ाव का माध्यम बनती है.
सेंटा क्लॉज की कहानी, हालांकि काल्पनिक है, लेकिन इसका संदेश वास्तविक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है. यह हर किसी को दूसरों की मदद करने और त्योहारों का आनंद बांटने की प्रेरणा देता है.