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इंसानों का अस्तित्व मिटा सकती हैं ये बीमारियां, कोरोना के बाद बढ़ गया है खतरा

Major bio-risks after Covid 19: साल 2019 में लोग चंद्रमा पर बसती बसाने और अंतरिक्ष में सैर करने के लिए धरती से ट्रेन ले जाने का सपना देख रहे थे लेकिन शायद ही किसी को अंदाजा था कि अगले ही साल दुनिया भर में फैलने वाली एक महामारी सब कुछ हिला कर रख देगी.

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Edited By: Vineet Kumar
Pandemic

हाइलाइट्स

  • कोरोना के बाद इंसानों पर कहर बरसा सकती हैं ये बीमारियां
  • धरती से मिट सकता है लोगों का नामो-निशान

Major bio-risks after Covid-19: साल 2019 में लोग चंद्रमा पर बसती बसाने और अंतरिक्ष में सैर करने के लिए धरती से ट्रेन ले जाने का सपना देख रहे थे लेकिन शायद ही किसी को अंदाजा था कि अगले ही साल दुनिया भर में फैलने वाली एक महामारी सब कुछ हिला कर रख देगी.

साल 2020 में तबाही मचाने वाली कोविड महामारी का असर आज 3 साल बाद भी नजर आ रहा है और हर कुछ समय बाद पनपने वाले इसके नए वैरिएंट भी लोगों को परेशान कर रहे हैं.

इंसानों का अस्तित्व मिटा सकती हैं ये बीमारियां

कोरोना महामारी के आने के बाद से ही लोग भविष्य में बायो वॉर के खतरे की बात करने लगे हैं और उन मुद्दों पर भी नजर रख रहे हैं जो कि भविष्य में मानव के लिए खतरा बन सकते हैं. आज हम भविष्य में पैदा होने वाले उन्हीं खतरों की बात करने जा रहे हैं जो कि महामारी बन सकते हैं, ये तय नहीं है लेकिन वैज्ञानिक ऐसे ही कुछ संभावित जैविक खतरों पर नजर रख रहे हैं:

1. जूनोटिक रोग: ये ऐसे रोग हैं जो जानवरों से इंसानों में फैलते हैं. कोविड-19 को भी एक जूनोटिक रोग माना जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि चमगादड़, पक्षी, और अन्य जंगली जानवरों में कई अनदेखे वायरस मौजूद हो सकते हैं, जो भविष्य में इंसानों में फैल कर उसकी प्रजाति को ही खत्म करने का काम कर सकते हैं.

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2. एंटीबायोटिक प्रतिरोध: अत्यधिक और गलत तरीके से एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया दवाओं के प्रतिरोधी बन रहे हैं. इससे इलाज मुश्किल हो जाएगा और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा.

3. जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से जंगल कट रहे हैं, तापमान बढ़ रहा है, और मौसम के पैटर्न बदल रहे हैं. ये बदलाव जानवरों के रहने के स्थान में परिवर्तन करने को मजबूर कर सकती हैं और इसके चलते इंसानों में जूनोटिक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा.

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4. बायोटेररिज्म: आतंकवाद या युद्ध के लिए जानबूझकर वायरस या बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये एक बहुत बड़ा खतरा है, जिससे बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है.

गौरतलब है कि यह सभी खतरे सिर्फ संभावनाएं हैं और लगातार वैज्ञानिक लगातार शोध जारी हैं जो कि ऐसी किसी महामारी से बचने की तैयारी कर रहे हैं. हमें भी सावधानी बरतने, स्वच्छता का ध्यान रखने, और बीमारी से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन करने की जरूरत है, तभी इन खतरों से निपटने की हमारी क्षमता बढ़ेगी.