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देश में केवल 63 फीसदी लोग ही हैं अपना 'लव लाइफ' में खुश, सर्वे में खुलासा

इस सर्वे के अनुसार, कोलंबिया में सबसे अधिक 82% लोगों ने अपनी लव लाइफ से संतुष्ट होने की बात कही. इसके बाद थाईलैंड (81%), मेक्सिको (81%), इंडोनेशिया (81%) और मलेशिया (79%) का स्थान रहा. ये वे शीर्ष पांच देश हैं, जहां के लोगों ने अपने प्रेम संबंधों को लेकर संतोष व्यक्त किया.

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Edited By: Reepu Kumari
 Love Life Survey
Courtesy: Pinterest

Love Life Survey: वैलेंटाइन डे से पहले जारी एक नए सर्वेक्षण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इस सर्वे के अनुसार, भारत में केवल 63% लोग ही अपनी ‘लव लाइफ’ से खुश हैं.

यह आंकड़ा भारत को दुनिया के उन देशों में शामिल करता है, जहां लोग अपने प्रेम संबंधों को लेकर सबसे कम संतुष्ट हैं.

30 देशों के युवाओं ने दी अपनी राय

‘लव लाइफ सैटिसफैक्शन 2025’ नामक इस सर्वेक्षण में 30 देशों के युवाओं ने भाग लिया. सर्वेक्षण के नतीजों से पता चला कि कुछ देशों में लोग अपने प्रेम जीवन से अधिक संतुष्ट हैं, जबकि कुछ देशों में असंतोष की दर अधिक है.

कोलंबिया टॉप पर, भारत पीछे

इस सर्वे के अनुसार, कोलंबिया में सबसे अधिक 82% लोगों ने अपनी लव लाइफ से संतुष्ट होने की बात कही. इसके बाद थाईलैंड (81%), मेक्सिको (81%), इंडोनेशिया (81%) और मलेशिया (79%) का स्थान रहा. ये वे शीर्ष पांच देश हैं, जहां के लोगों ने अपने प्रेम संबंधों को लेकर संतोष व्यक्त किया.

भारत में संतोष दर कम क्यों?

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में प्रेम संबंधों में असंतोष के कई कारण हो सकते हैं. इनमें पारिवारिक दबाव, सामाजिक प्रतिबंध, आर्थिक चुनौतियां और डिजिटल युग में बढ़ती अपेक्षाएं शामिल हैं. आधुनिक दौर में रिश्तों में पारदर्शिता और आपसी समझ की कमी भी प्रेम जीवन में असंतोष बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कारण मानी जाती है.

क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि स्वस्थ और खुशहाल प्रेम संबंध के लिए संवाद, पारस्परिक विश्वास और समझदारी बहुत जरूरी है. यदि किसी रिश्ते में ये पहलू मजबूत नहीं हैं, तो असंतोष बढ़ने की संभावना रहती है.

यह सर्वे भारत में प्रेम संबंधों की मौजूदा स्थिति को दर्शाता है. हालांकि, बदलती सोच और सामाजिक परिवर्तनों के साथ आने वाले समय में स्थिति में सुधार हो सकता है.