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कलंक से क्रांति तक, क्या आपको पता है क्या है लिपस्टिक का इतिहास?

Lipstick Story: मेकअप प्रोडक्ट में सबसे ज्यादा बिकी जाने वाली चीज लिपस्टिक है. बहुत कम ही महीलाएं होंगी जो बिना लिपस्टिक के बाहर जाती होंगी. लेकिन क्या आपको पता है लिपस्टिक और इतिहास का काफी गहरा रिश्ता है. एलिज़ाबेथ से लेकर जवाहरलाल नेहरू से भी लिप्सटिक का इतिहास जुड़ हुआ है. आइए जानते हैं लिपस्टिक के दिलचस्प इतिहास के बारे में और पहले किस तरह से बनाई जाती थी.

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Edited By: India Daily Live
History Of Lipstick
Courtesy: Freepik

History Of Lipstick: मेकअप करते दौरान जब तक चेहरे पर लिपस्टिक न लगाई जाए तब मेकअप अधूरा मालूम पड़ता है. इन दिनों बाजार में कई तरह की और अलग-अलग शेड्स की लिपस्टिक पाई जाती है. लेकिन क्या आपको पता है लिपस्टिक का कनेक्शन इतिहास से भी जुड़ा हुआ है. ऐसे समय पर लिपस्टिक महिलाओं के लिए वोट करने का जरिए भी बनी थी तो कभी गुस्से व्यक्त करने का जरिया. आइए जानते हैं लिपस्टिक के इतिहास से कुछ अनसुनी कहानी.

लिपस्टिक का चलन काफी पुराना है. ईसा से साढ़े ढाई हजार साल पहले मेसोपोटामिया की रानी और मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा को भी लिपस्टिक लगाने का शौक था. लाल रंग बनाने के लिए वह  झिंगुर और चीटियों को पीसा जाता था. लेकिन इसके बाद ग्रीस के साम्राज्य में सेक्स वर्क करने वाली महिलाओं लिपस्टिक लगाने शुरू कर दिया. जिसके बाद से आम महिलाओं ने इसे लगाना छोड़ दिया और लिपस्टिक को निचले दर्जे की चीज माने जाने लगी. इस दौर में लाल रंग को बनाने के लिए भेड़ का पसीना और मगरमच्छ का मल का उपयोग किया जाता था. बता दें, रोमन साम्राज्य मर्द भी लिपस्टिक लगाते थे. 

एलिजाबेथ बनी ब्रिटेन की रानी

रोमन साम्राज्य में एक दफा  लिपस्टिक को  ‘kiss of death’ के नाम से जाने जाना लगा था. क्योंकि इसमें गेरू और एक प्रकार की कई का इस्तेमाल किया जाता था जो जहीला था. 1500 ईस्वी से पहले यूरोप में जो महिलाएं लिपस्टिक लगती थी उन्हें शैतान कहा जाने लगा था. जिसके बाद ऐसा कहा जाने लगा जो महिलाएं लिपस्टिक लगाती है दो पुरुषों पर काला जादू करती हैं. कुछ समय बाद एलिज़ाबेथ ब्रिटेन की रानी बन गई और वह भी लिपस्टिक लगाती थी इसलिए बैन हटा दिया गया. 20 वीं सदी के दौरान महिलाओं ने अपने हक के लिए आजादी का सिम्बल बनाया जिससे मांग तेजी से बढ़ गई और बाद में लिपस्टिक एक कमोडिटी बन गई. 

भारत का सबसे पहला कॉस्मेटिक ब्रांड

जब तक विश्व युद्ध खत्म हुआ तब तर लिपस्टिक बहुत पॉपुलर हो गई थी. 1951 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पास रिपोर्ट आई थी कि कि भारत की महिलाएं सबसे ज्यादा खर्चा कॉस्मेटिक  पर कर रही हैं. जो विदेश के प्रोडक्ट है और डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं. जिसके बाद सरकार ने कॉस्मेटिक पर बैन लगा दिया. जिसकी वजह से प्रधानमंत्री नेहरू के ऑफिस टेलीग्राम की भाड़ आ गई जिसमें सरकार को कॉस्मेटिक पर बैन हटाने के लिए कहा था. इसके बाद नेहरू ने अपने दोस्त JRD टाटा को   इंटरनेशनल ब्रांड्स को मात दे सकें ऐसे प्रोडक्ट बनाने की बात की. जिसके बाद Lakme को लॉन्च किया गया और आज के दौर में लिपस्टिक सबके पसंद का प्रोडक्ट है.