Kedarnath Ropeway: 9 घंटे से घटकर सिर्फ 36 मिनट में पहुंचेंगे केदारनाथ रोपवे, शिव के धाम तक पहुंचना होगा और भी आसान
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 4,081 करोड़ रुपये की 12.9 किलोमीटर रोपवे परियोजना को सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है. इसकी वजह से शिव के धाम तक पहुंचना आपके लिए आसान हो जाएगा. 9 घंटे के सफर को आप 36 मिनट में पूरी कर पाएंगे.
Kedarnath Ropeway: उत्तराखंड में दो रोपवे परियोजनाओं की आधारशिला अक्टूबर 2022 में पर्वतमाला परियोजना के तहत रखी गई थी, जिसका उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और पर्यटन को बढ़ावा देना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उत्तराखंड में दो महत्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं - केदारनाथ रोपवे परियोजना और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान बताया कि सरकार ने उत्तराखंड के चमोली जिले में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दे दी है. उन्होंने सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 4,081 करोड़ रुपये की 12.9 किलोमीटर रोपवे परियोजना को भी मंजूरी देने की घोषणा की.
कितनी लागत?
वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया, मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम - पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दी है. परियोजना की कुल पूंजी लागत 2,730.13 करोड़ रुपये है.'
दोनों परियोजनाओं की आधारशिला अक्टूबर 2022 में 'पर्वतमाला परियोजना' के तहत रखी गई थी, जिसका उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और पर्यटन को बढ़ावा देना है. केदारनाथ रोपवे से यात्रा 9 घंटे से घटकर 30 मिनट रह जाएगी.
12.9 किलोमीटर लंबी केदारनाथ रोपवे परियोजना सोनप्रयाग को केदारनाथ से जोड़ेगी, जिस पर अनुमानित 4,081 करोड़ रुपये का निवेश होगा. रोपवे परियोजना केदारनाथ को जोड़ेगी, जो भगवान शिव को समर्पित 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगी
2,730.13 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगी. इससे पहले गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब के बीच की यात्रा 20 किलोमीटर लंबी थी और इसमें घांघरिया से होकर पैदल यात्रा करनी पड़ती थी.
रोपवे के निर्माण से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब के बीच यात्रा का समय घटकर 42 मिनट रह जाएगा. यात्रा का समय कम करने के अलावा, इस परियोजना से दर्शन का समय भी 4-5 घंटे से बढ़कर 10 घंटे प्रतिदिन हो जाएगा. 2023 में, सीजन के दौरान लगभग 1.77 लाख तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब के दर्शन करने आए थे.
Also Read
- Sadhguru Costly Watch: 'आध्यात्मिकता गरीबी नहीं है', सद्गुरु ने पहनी लाखों की घड़ी, इंटरनेट पर मचा बवाल!
- रमजान 2025: एक स्वस्थ और स्वादिष्ट इफ्तार के लिए तैयार हो जाइए. जानें इफ्तार पार्टी के लिए ये हेल्दी स्नैक्स
- जो देखेगा देखता रह जाएगा! अपने लाउंज को ऐसे दें अरेबियन टच, बस इन 8 चीजों की पड़ेगी जरुरत