Kailash Mansarovar Yatra 2025: कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून, 2025 से शुरू होने जा रही है. यह यात्रा लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक बहुत धार्मिक अवसर है, जहां वे भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश पर्वत की ओर रुख करेंगे. कैलाश सिर्फ हिंदू धर्म के लिए ही नहीं, बल्कि बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी इसे पवित्र मानते हैं. इस स्थान के बारे में कई ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें वैज्ञानिक भी आज तक नहीं समझ पाए हैं. आइए जानते हैं कैलाश पर्वत के बारे में कुछ अनसुलझे रहस्यों के बारे में.
कैलाश पर्वत की ऊंचाई एवरेस्ट से कम होने के बावजूद, आज तक किसी भी व्यक्ति ने इसे चढ़ने की कोशिश नहीं की है. कई पर्वतारोहियों (mountaineers) ने इसे चढ़ने की कोशिश की, लेकिन वे कुछ ही ऊंचाई पर चढ़ने के बाद शरीर में अजीब बदलाव महसूस करते थे. लाखों लोग कैलाश पर चढ़ने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें सफलता नहीं मिली. वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझाने में लगे हैं, लेकिन उनका कोई सटीक उत्तर नहीं है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह भगवान शिव का वास स्थल है, इसलिए यह पहाड़ किसी के लिए भी पार करना असंभव है.
कैलाश पर मानसरोवर ताल और राक्षस ताल जैसे दो तालाब हैं. दोनों तालाब एक ही स्थान पर स्थित हैं, लेकिन इनमें पानी की गुणवत्ता और रंग में बड़ा अंतर है. मानसरोवर ताल का पानी मीठा होता है, जबकि राक्षस ताल का पानी खारा होता है. दोनों तालाबों के पास होने के बावजूद इनकी खासियत अलग-अलग हैं. विज्ञान आज तक इसका कारण नहीं ढूंढ सका है.
कैलाश पर्वत पर यह भी कहा जाता है कि समय की स्पीड बदल जाती है. जो लोग कैलाश पर गए हैं, उन्होंने अनुभव किया कि जैसे ही वे कैलाश पर पहुंचते हैं, घड़ी की सुई तेजी से चलने लगती है. इससे वे भ्रमित हो जाते हैं और यह एक तरह से टाइम वार्प जोन की तरह महसूस होता है. इस रहस्य को आज तक कोई नहीं सुलझा सका है.
कैलाश पर्वत का आकार भी अन्य पर्वतों से अलग है. जब इसे ऊपर से देखा जाता है, तो यह स्वस्तिक के आकार में दिखाई देता है. स्वस्तिक हिंदू धर्म का एक शुभ प्रतीक है और ऐसा आकार दुनिया के किसी अन्य पर्वत में नहीं पाया जाता. यह भी एक बड़ा रहस्य है, जिसे लोग और वैज्ञानिक समझने में लगे हुए हैं.
कैलाश पर्वत के दक्षिणी हिस्से में एक समतल और सीधी दीवार जैसी संरचना दिखाई देती है, जो एक विशाल दर्पण की तरह प्रतीत होती है. इस संरचना को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं, लेकिन वे यह नहीं जान पाते कि यह कैसे बनी. इस दीवार का रहस्य भी अभी तक अनसुलझा है.