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Ayurvedic Kitchen: भारत का पहला 'आयुर्वेदिक रेस्टोरेंट, जो भी खाने आ रहा वाह-वाह कर रहा, जानें यहां के खाने की खासियत

Ayurvedic Kitchen: in Delhi: रेस्टोरेंट के मालिक का कहना है कि यहां लोगों को बिल्कुल शुद्ध, स्वच्छ व घर का बना हुआ खाना दिया जाता है. उन्होंने कहा कि लोग लौट-लौटकर हमारे खाने को खाने आ रहे हैं और हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है.

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Edited By: India Daily Live
indias first Ayurvedic restaurant

India's First Ayurvedic Restaurant: दिल्ली के शालीमार बाग स्थित महर्षि आयुर्वेद अस्पताल अपने इन-हाउस रेस्टोरेंट के कारण सुर्खियों में बना हुआ है. इस आयुर्वेदिक अस्पताल में खास ये है कि  यहां मरीजों को पंचकर्म चिकित्सा, मेडिटेशन रूम, योगा ट्रेनिंग, डीलक्स रूम और अत्यधिक देखभाल के साथ इलाज की सुविधा तो मिलती ही है, साथ ही इस अस्पता में एक आयुर्वेदिक रेस्टोरेंट भी है जहां मरीजों को उनकी बीमारी के हिसाब से खाना दिया जाता है.

यह आयुर्वेदिक रेस्टोरेंट अस्पताल के अंदर ही मौजूद है और इसका नाम है 'सोमा- द आयुर्वेदिक किचन'. पकौड़े से लेकर पाव भाजी तक यहां आपको बिना लहसून व प्याज के परोसे जाते हैं. बाहर से आने वाले विजिटर्स के अलावा अस्पताल के मरीज भी अक्सर इस कैफे में भोजन पानी करने आते हैं.

खाने के शौकीनों का बना अड्डा

खाने के शौकीन कई लोग साफ, स्वच्छ और हेल्दी भोजन खाने के लिए यहां आ रहे हैं और हर कोई यहां के खाने की तारीफ कर रहा है.  Soma: The Ayurvedic Kitchen को भारत की पहली आयुर्वेदिक किचन कहा जा रहा है.

'क्या है यहां के खाने की खासियत'
एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान महर्षि आयुर्वेदा हॉस्पिटल के डॉक्डर हिमांशु ने दावा किया कि कैफे में जो भी खाना परोसा जाता है वह ज्यादातर घर का बना हुआ और पूरी तरह से साफ-स्वच्छ होता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने आयुर्वेद और भोजन के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए इस अस्पताल की स्थापना की थी.

आयुर्वेदिक किचन में वड़ा पाव और पकौड़े जैसे फास्ट फूड क्यों

चूंकि यह एक आयुर्वेदिक किचन है इसलिए लोगों का कहना है कि फिर इसमें वड़ा पाव और पकौड़े जैसे फास्ट फूड क्यों मिलते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए हिमांशु ने कहा कि यहां मिलने वाला वड़ा पाव सामान्य वड़ा पाव से अलग होता है. उन्होंने दावा किया कि यहां मिलने वाला पाव रागी का बना होता है जिसे आयुर्वेद में काफी गुणकारी माना जाता है. वहीं वड़ा को सोमा किचन के सेफ पोषण से भरी मूंग दाल से कोट करते हैं. हिमांशु ने कहा कि कफ दोष से पीड़ित मरीजों को हमारे रेस्टोरेंट में इस वड़ा पाव खाने की सलाह दी जाती है.

आयुर्वेद के अनुसार कफ दोष की प्रवृत्ति उन लोगों में पाई जाती है जो दिन भर आलस में रहते हैं और आराम करते रहते हैं. वहीं इस कैफे में मिलने वाले पकौड़े में गेहूं, चुकंदर, रिकोटा, पनीर और पालक का मिश्रण भरा जाता है. आयुर्वेद में चुकंदर को कफ दोष से मुक्ति में काफी लाभदायक माना जाता है जबकि पालक में आयरन होता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है.

कैसे पहुंचें सोमा आयुर्वेदिक किचन
बता दें कि यह रेस्टोरेंट दिल्ली के शालिमार बाग में स्थित है और हफ्ते के सातों दिन खुला रहता है. महर्षि आयुर्वेदा अस्पताल के डायरेक्टर लक्ष्मण श्रीवास्तव का दावा है कि सोमा किचन को लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. लोग लौट-लौटकर यहां खाना खाने आ रहे हैं.